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भोजपुर जिले में डायरिया के कहर, 50 से ज्यादा लोग बीमार, दो बच्चों की मौत का दावा

बिहार के भोजपुर जिले के आरा में डायरिया के प्रकोप से दहशत का माहौल बना हुआ है. मामला आरा वार्ड नंबर 4 उजियार टोला की बताई जा रही है. यहां पिछले 5 दिनों से डायरिया का प्रकोप जारी है. दर्जनों लोग मुहल्ला छोड़कर किसी दूसरे गंतव्य स्थान पर चले गए हैं.

आरा. बिहार के भोजपुर जिले के आरा में डायरिया के प्रकोप से दहशत का माहौल बना हुआ है. मामला आरा वार्ड नंबर 4 उजियार टोला की बताई जा रही है. यहां पिछले 5 दिनों से डायरिया का प्रकोप जारी है. दर्जनों लोग मुहल्ला छोड़कर किसी दूसरे गंतव्य स्थान पर चले गए हैं. अभी तक इस इलाके में दो लोगों की मौत भी हो चुकी है और लगभग 50 लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. मौत की पुष्टि जिला प्रशासन नहीं कर रहा है. वैसे जिला प्रशासन की ओर से मोहल्ले में डॉक्टरों की टीम पहुंची है, लेकिन उनके पास इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है. डायरिया, फाइलेरिया एवं वायरल फीवर जिले में लगातार बढ़ रहा है. इससे लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी रोकथाम के लिए प्रयास नहीं के बराबर किया जा रहा है. इसे लेकर लोगों में आक्रोश का माहौल है.

नहीं कराया जा रहा है जिले भर में घर-घर सर्वेक्षण

इन रोगों से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले भर में घर-घर सर्वेक्षण नहीं कराया जा रहा है, ताकि मरीजों का पता लग सके एवं उनका इलाज किया जा सके. जबकि इन रोगों से काफी लोग परेशान हैं.

सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए नहीं है विशेष व्यवस्था

ऐसे मरीजों के इलाज के लिए सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सदर अस्पताल सहित किसी भी रेफरल अस्पताल, सामुदायिक अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि सरकारी अस्पतालों में इसकी व्यवस्था नहीं की गयी है. इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

नगर के उजियार टोला में डायरिया से परेशान है गरीब मरीज

नगर के उजियार टोला मुहल्ले में डायरिया से काफी संख्या में लोग प्रभावित है. सभी गरीब वर्ग से आते हैं, पर इनका समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई विशेष व्यवस्था नहीं की जा रही है. ना ही अस्पताल में उनके लिए बेड सुरक्षित किया गया है. ऐसे में मरीजों की स्थिति काफी दयनीय है हो रही है. ऐसी स्थिति में प्रशासन के प्रति लोगों में आक्रोश का माहौल है. अपना कर्तव्य निभाने की जगह लोगों को अपने भाग्य पर छोड़ दिया गया है.

आज से शुरू की गई है फाइलेरिया दवा वितरित करने एवं जांच की प्रक्रिया

सरकार के निर्देश के आलोक में 20 सितंबर से जिले भर में घर-घर जाकर फाइलेरिया मरीजों की पहचान कर उन्हें इलाज करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है, पर सरकार का निर्देश कागजों में सिमट कर रह गया है. पहले दिन कहीं भी किसी तरह की गतिविधि नहीं दिखाई दे रही है.

वायरल फीवर से लोग हो रहे हैं परेशान

नगर सहित जिले में वायरल फीवर से लोग परेशान हो रहे हैं. फिर भी इनकी जांच नहीं की जा रही है तथा इनका इलाज नहीं किया जा रहा है. जबकि प्राइवेट अस्पतालों में काफी संख्या में मरीज भर्ती हो रहे हैं. वही सदर अस्पताल में भी मरीज भर्ती हो रहे हैं, पर उनके लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है. इससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

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