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भटक कर पटना पहुंची दिव्यांग महिला के साथ मारपीट, बेटी की खोज में पहुंचे पिता को भी पुलिस से नहीं मिली मदद

ससुराल वालों से नाराज होकर बेटी ने मायके सेनारी जाने के लिए 18 अप्रैल को ट्रेन पकड़ ली, लेकिन गलती से वह पटना पहुंच गयी. वहां पर कुछ लड़के मिले और उसे गांव पहुंचाने की बात कह उसे अपने साथ ले गये. मारपीट की, मोबाइल छीन लिया और कपड़े से भरा बैग भी लेकर फरार हो गये.

पटना में एक मूकबधिर महिला से मारपीट और छिनतई का मामला सामने आया है, साथ ही इसमें पुलिस की लापरवाही भी दिखी. दरअसल, 18 अप्रैल को महिला मायके जाने के लिए जहानाबाद स्थित ससुराल से निकल गयी और भटककर पटना पहुंच गयी थी. इसी दौरान मोबाइल किसी ने छीन लिया था और कपड़े से भरा बैग भी लफंगे लेकर भाग गये.

पिता को नहीं मिली पुलिस से मदद 

महिला का पता उसके घरवालों को नहीं चला, तो उसके पिता बद्री मांझी जक्कनपुर थाना पहुंचे. पर थाना से उन्हें भगा दिया गया. उन्हें कहा गया कि या तो गवाह लेकर आइए या कोई नाम लिखा फोटो लाकर दीजिए. गश्ती टीम को वह कहीं दिखेगी, तो बता दिया जायेगा. पुलिस का यह जवाब सुन निराश पिता मुकबधिर बेटी को खुद ही खोजने के लिए निकल गये. घंटों कोशिश व गांव के परिचित के बताने के बाद बेटी प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर डरी सहमी बरामद हुई. उसके शरीर पर चोट के निशान थे. महिला के मिल जाने पर पुलिस के बर्ताव को देखते हुए वह फिर से पुलिस के पास जाने के बजाय बेटी को लेकर अपने घर सेनारी चले गये.

जाना था सेनारी गलत ट्रेन पर बैठ गयी और पहुंच गयी पटना

आर ब्लॉक के पास धूप में बेटी को तलाश रहे पिता ने बताया कि वे महिला थाना पहुंचे, तो वहां बताया गया कि यहां पति-पत्नी का विवाद सुलझाया जाता है. यह कहकर वहां से जाने को कह दिया गया. पिता ने कहा कि बेटी ( मंशा कुमारी, 32 वर्ष) की शादी जहानाबाद के ओकड़ी थाना में इसी साल 26 जनवरी को हुई थी. ससुराल वालों से नाराज होकर बेटी ने मायके सेनारी जाने के लिए 18 अप्रैल को ट्रेन पकड़ ली, लेकिन गलती से वह पटना पहुंच गयी. वहां पर कुछ लड़के मिले और उसे गांव पहुंचाने की बात कह उसे अपने साथ ले गये. मारपीट की, मोबाइल छीन लिया और कपड़े से भरा बैग भी लेकर फरार हो गये. पिता के अनुसार उसे बंधक बनाकर रखा गया था, लेकिन किसी तरह वह वहां से भाग गयी और सीधे 10 नंबर प्लेटफॉर्म पर आकर बैठ गयी.

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पटना में काम करने आने वाले गांव के लोगों ने दी सूचना

पीड़ित पिता ने बताया कि पूरा परिवार खोजबीन कर रहा था. इसी दौरान पटना में मौजूद गांव के ही कुछ लोगों ने बताया कि मंशा को मीठापुर के पास देखा है. इसके बाद पटना पहुंच कर खोजबीन शुरू की. पुलिस से कोई मदद नहीं मिली. इसके बाद स्टेशन पर खोजबीन करते हुए मंशा प्लेटफॉर्म नंबर दस पर बैठी मिली.

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