Bihar News: बिहार के पटना में चिकित्सकों ने ऑपरेशन के बाद मरीज को नया जीवन दिया है. यहां दूरबीन से मरीज के शरीर की गोली निकाली गई है. छाती में गोली लगने के बाद जिंदगी और मौत से जूझ रहे एक मरीज की चिकित्सकों ने जान बचा ली है. इस पूरी प्रक्रिया में बड़ी बात यह कि मरीज के शरीर से गोली निकालने के लिए कोई बड़ा ऑपरेशन या बड़ा चीरा नहीं लगाया गया. लेप्रोस्कोपी की मदद से गोली निकालकर डॉक्टरों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. साथ ही मरीज को एक नई जिंदगी दे दी है. इसके बाद मरीज की स्थिति में सुधार हो रहा है. साथ ही डाक्टर की टीम भी सफल ऑपरेशन से काफी खुश है.
दरअसल, जमुई के चालीस वर्षीय पवन कुमार साव को छाती के सामने वाली हड्डी, जिसे ब्रेस्ट बोन भी कहते हैं, उसके निचले हिस्से में गोली लग गयी थी. बहुत अधिक पीड़ा और जान जाने की जोखिम की स्थिति में उसे पटना के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. यहां जांच में पता चला कि गोली बाएं फेफड़े और डायफ्राम के बीच में फंस गई है. डायाफ्राम, फेफड़े और पेट के बीच एक पर्दानुमा अंग होता है. गोली की अवस्थिति की सीटी स्कैन के माध्यम से पुष्टी की गई. अमूमन ऐसी परिस्थिति में एक बड़े ऑपरेशन के द्वारा छाती खोलकर ही गोली को निकाला जा सकता है. परन्तु वरिष्ट चिकित्सकों की टीम ने लेप्रोस्कोपिक की प्रक्रिया से ऑपरेशन को किया है. बता दें कि लैप्रोस्कोपी एक प्रकार की सर्जिकल प्रक्रिया ही होती है. इसके जरिए बीमारी का इलाज किया जाता है. इसके माध्यम से शरीर के अंगों की जांच की जा सकती है और केवल छोटे चीरे से इलाज किया जाता है.
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सर्जन सह निदेशक डॉ. संतोष कुमार के नेतृत्व में वरीय सर्जन डॉ. आलोक कुमार, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. नीतेश कुमार, चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. विनय कृष्ण, मूर्छक डॉ. रवि कुमार के बेहद कुशल टीम ने ओटी सहायक सुजीत कुमार, सरयुग राय की सहायता से उस मरीज का फोर्ड हॉस्पिटल में मिनिमल इनवेसिव तकनीक से सफल ऑपरेशन करके उसकी छाती के निचले हिस्से से गोली निकाल दी. लेप्रोस्कोपी के जरिए गोली निकालने का यह एक नया कीर्तिमान है. इस ऑपरेशन में लेप्रोस्कोपी (एक प्रकार का मेडिकल दूरबीन) की मदद ली गयी. जिसमें बाईं छाती में पांच मिलीमीटर के दो बेहद छोटे- छोटे छेदों के जरिए गोली को बाहर निकाल लिया गया. ऑपरेशन के बाद मरीज का बहुत तेजी से प्रगति हो रहा है. डॉक्टरों का विश्वास है कि मरीज बहुत जल्दी सामान्य हो जाएगा.