बिहार में मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए मंगलवार को इंटेलिजेंस शेयरिंग की बैठक हुई, जिसमें नेपाल के अलावा दूसरे राज्यों से मादक पदार्थ और नशीली दवाओं की तस्करी को रोकना, हाट स्पाट चिह्नित करना और आसूचना पर विभिन्न एजेंसियों की मदद से छापेमारी करना आदि पर चर्चा की गयी. साथ ही नशामुक्ति के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय भी लिया गया.
बैठक में नेपाल से सटे आठ जिले पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज के साथ पटना जिले के फतुहा नदी थाना स्थित जेठुली, भोजपुर के उदवंतनगर थाना अंतर्गत मसाढ़ और वैशाली के राघोपुर क्षेत्र को भी हाट स्पाट चिह्नित किया गया. एडीजी नैयर हसनैन खान ने कहा कि नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र और हाट स्पाट के इलाकों में विशेष कार्रवाई की जायेगी. अफीम, चरस, गांजा, हेरोइन जैसे मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा. इसमें आर्थिक अपराध इकाई के साथ एनसीबी, सीआरपीएफ और एसएसबी की भी मदद ली जायेगी
बैठक में इओयू की ओर से अब तक की कार्रवाई का प्रेजेंटेशन दिया गया. इसमें बताया गया कि 2017 से 2022 के बीच राज्य में 6073 अभियुक्त गिरफ्तार किये गये हैं. पिछले साल 2031 अभियुक्त पकड़े गये थे. बिहार पुलिस ने 2022 में 16 हजार 691 किग्रा गांजा, 179 किग्रा चरस, 6.35 किग्रा हेरोइन, 7.61 किग्रा स्मैक, 85 किग्रा ब्राउन शुगर और 6728 किग्रा डोडा एवं अन्य मादक पदार्थ बरामद किये हैं. 2021-22 में 620 और 2022-23 में 1289 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया.
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बैठक में एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक मनीष कुमार, सीआरपीएफ के डीआइजी एसपी उपाध्याय, कमांडेंड नरेश कुमार जायसवाल, पटना के रेल एसपी एसएस ठाकुर, एसएसबी के डिप्टी कामंडेंट सत्येंद्र कुमार, विशेष शाखा के एसपी अभय कुमार लाल, एसआइबी के सहायक निदेशक कुमुद कुमार एवं सुभाष चंद्रा, समाज कल्याण विभाग के प्रतिनिधि व इओयू के एसपी सुशील कुमार मौजूद थे.