रांची: मनी लाउंड्रिंग और मनरेगा घोटाले से संबंधित मामले में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. लगातार पूछताछ और रिमांड की प्रक्रिया के बीच एक फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज झारखंड-बिहार के सात जगहों पर छापेमारी की है. समाचार एजेंसी एएनआई के ट्वीट के अनुसार आज ईडी ने एक्शन लेते हुए रांची से संबंधित बिल्डर अनिल झा और विशाल चौधरी के ठिकाने पर छापेमारी की है. इससे पहले के ट्वीट के मुताबिक मनी लाउंड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में यह छापेमारी की गयी है. ईडी के अधिकारियों के मुताबिक यह कार्रवाई मनी लाउंड्रिंग रोकथाम कानून की आपराधिक धाराओं के तहत की जा रही है.
बताते चलें कि प्रवर्तन निदेशालय ने आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल को इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया था. उन्हें झारखंड के खूंटी जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) निधि के कथित गबन और अन्य वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. झारखंड कैडर की 2000 बैच की आईएएस अधिकारी सिंघल को राज्य सरकार ने बाद में निलंबित कर दिया. फिलहाल वह इस समय संघीय जांच एजेंसी ईडी की हिरासत में हैं.
Jharkhand | Enforcement Directorate today carried out raids at the premises of Ranchi-based builder Anil Jha and one Vishal Chaudhary who has close connections with top bureaucrats, say sources.
— ANI (@ANI) May 24, 2022
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06 मई को ईडी ने पूजा सिंघल व अन्य के ठिकानों पर मारा था छापा
खूंटी जिले में हुए मनरेगा घोटाले मामले को लेकर ईडी ने आईएएस पूजा सिंघल और उनसे जुड़े लोगों के ठिकाने पर 06 मई 2022 को छापा मारा था. इसके बाद पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार सिंह को 07 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया. इसके दूसरे यानी 08 मई 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा से पूछताछ की गयी. वहीं आईएएस अधिकरी पूजा सिंघल से 10 मई 2022 को ईडी ने पूछताछ की. 11 मई 2022 को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद राज्य सरकार ने 12 मई 2022 को पूजा सिंघल को सस्पेंड कर दिया. 20 मई 2022 को पूजा सिंघल की रिमांड 5 दिनों के लिए और बढ़ा दी गयी. इसी दिन सीए सुतन कुमार सिंह को होटवार जेल भेज दिया गया.
10 साल पहले ईडी ने मनरेगा घोटाले में दर्ज की थी प्राथमिकी
आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनसे जुड़े लोगों पर चल रही कार्रवाई की कहानी 10 साल पहले ही ईडी ने लिखनी शुरू कर दी थी. खूंटी जिले में हुए मनरेगा घोटाले को लेकर 18 मई 2012 को ईडी ने प्राथमिकी दर्ज की थी. खूंटी जिले में मनरेगा घोटाला साल 2008-09 और 2009-10 में हुआ था. इन्हीं सालों में पूजा सिंघल खूंटी जिले की डीसी हुआ करती थी. तब पूजा सिंघल ने इंजीनियर को मनरेगा के लिए 18.06 करोड़ अग्रिम दिये थे. बिना काम किये पैसों की निकासी के बाद वर्ष 2011 में खूंटी और अड़की थाने में इंजीनियर राम विनोद सिन्हा और आरके जैन के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. जुलाई 2011 में संबंधित मामला निगरानी में दर्ज हुआ थाण् इसके बाद 18 मई 2012 को ईडी ने मनरेगा घोटाले में प्राथमिकी दर्ज की थी. 28 नवंबर 2018 को इंजीनियर राम विनोद सिन्हा ने मनरेगा में 20 फीसदी कमीशन देने की बात स्वीकारी थी.