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जमीन के बदले नौकरी मामले में ED ने राबड़ी से छह घंटे की पूछताछ, 1 घंटे का लंच ब्रेक, इन सवालों के पूछे जवाब

Land For Job Scam: इडी ने गुरुवार को राबड़ी देवी से करीब छह घंटे तक पूछताछ की. इस दौरान उनके बयान पीएमएलए के तहत दर्ज किये गये. इस दौरान राबड़ी देवी दोपहर का भोजन करने एक घंटे के लिए बाहर निकलीं और दो बजे के बाद फिर पूछताछ सत्र में शामिल हुईं

Land For Job Scam: रेलवे की ग्रुप डी की नौकरियों के बदले जमीन लेने के मामले में लालू यादव की पत्नी व पूर्व सीएम राबड़ी देवी गुरुवार को इडी के समक्ष पेश हुई. सूत्रों के मुताबिक राबड़ी देवी से इडी के अधिकारियों ने पूछताछ की और उनसे कई दस्तावेजों की जानकारी ली. इस मामले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए नयी दिल्ली स्थित इडी के दफ्तर में राबड़ी देवी पहली बार दिन के 11 बजे पहुंचीं.

1 घंटे का लंच ब्रेक

सूत्रों के मुताबिक राबड़ी देवी दोपहर का भोजन करने एक घंटे के लिए बाहर निकलीं और दो बजे के बाद फिर पूछताछ सत्र में शामिल हुईं. इस दौरान राबड़ी देवी से कई लेनदेन के बारे में जानकारी मांगी गयी. यह मामला राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के केंद्र की यूपीए-1 सरकार के दौरान उनके रेल मंत्री कार्यकाल से जुड़ा है.

छह घंटे चली पूछताछ 

इडी सूत्रों के मुताबिक 68 वर्षीय राबड़ी देवी से करीब छह घंटे तक पूछताछ की गयी. इस दौरान उनके बयान पीएमएलए के तहत दर्ज किये गये. इसके पहले सीबीआइ और इडी ने इसी मामले में पिछले कुछ माह में राबड़ी देवी के पुत्र व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सांसद बेटी मीसा भारती, चंदा यादव और रागिनी यादव से पूछताछ की थी.

इस मामले ने सीबीआई ने राजद नेता के घर मारा था छापा 

दो दिन पूर्व इसी मामले में राजद सांसद प्रेमचंद गुप्ता, पूर्व विधायक अरुण यादव और उनकी विधायक पत्नी किरण देवी के आवास पर सीबीआइ ने छापेमारी की थी और बड़ी संख्या में डिजिटल दस्तावेज जब्त किये थे. इडी ने दावा किया था कि उसने एक करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की है तथा अपराध से अर्जित 600 करोड़ रुपये की आय का पता लगाया है. धन शोधन का मामला सीबीआइ की प्राथमिकी पर आधारित है.

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ये है आरोप 

एजेंसियों का आरोप है कि 2004-09 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह ‘डी’ के पदों पर विभिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया गया और इसके बदले संबंधित व्यक्तियों ने अपनी जमीन लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित की थी. सीबीआइ ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गयी थी तथा पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के तौर पर नियुक्त किया गया.

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