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शिक्षा विभाग ने रोकी बिहार में शिक्षकों की काउंसेलिंग, जानें चयनित अभ्यर्थियों को अब क्या मिला निर्देश

माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि ऐसे अभ्यर्थियों को विथ होल्ट कैटेगरी में डाल दें. ऐसे अभ्यर्थियों से दो विशेष दस्तावेजों में कोई एक कागज उपलब्ध कराने के लिए कहा जाये.

पटना. बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से विद्यालय अध्यापक पद के लिए अनुशंसित अभ्यर्थियों की तरफ से काउंसेलिंग के दौरान अपने नाम की स्पेलिंग और आधार नंबर गलत लिखने या अन्य विसंगतियों के सामने आने से से शिक्षा विभाग के कान खड़े हो गये हैं. माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि ऐसे अभ्यर्थियों को विथ होल्ट कैटेगरी में डाल दें. ऐसे अभ्यर्थियों से दो विशेष दस्तावेजों में कोई एक कागज उपलब्ध कराने के लिए कहा जाये.

सत्यापन प्रतिवेदन प्राप्त कर प्रस्तुत करे

माध्यमिक निदेशक ने निर्देश दिये हैं कि अभ्यर्थी से मांगा जाये कि वह जिस जिले का स्थायी निवासी है (स्थायी निवासी का वही पता जो उसने बिहार लोक सेवा आयोग के आवेदन पत्र में भरा है) का जिला अधिकारी से सत्यापन प्रतिवेदन प्राप्त कर प्रस्तुत करे. दूसरा, अगर यह कागज वह नहीं दे सकता है तो किसी भी श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी की तरफ से प्रति हस्ताक्षरित हलफनामा तैयार करे, जिसमें उसकी पहचान संबंधी पूर्व विवरणी दी गयी हो. यह दोनों कागजात 31 अक्तूबर से पहले प्राप्त होने की स्थिति में ही उन्हें काउंसेलिंग के लिए आमंत्रित किया जाये.

विभाग को हो रहा है इस बात का संदेह

विभागीय पत्र में कहा गया है कि विभाग को यह तसल्ली नहीं हो पा रही है कि जो चयनित अभ्यर्थी काउंसिलिंग के लिए आ रहे हैं, उन्होंने ही विद्यालय शिक्षक की परीक्षा दी है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखा है कि इन परिस्थितियों में अभ्यर्थियों की पहचान सुनिश्चित तरीके से स्थापित करने में दिक्कत महसूस हो रही है. ऐसी स्थिति में जहां अभ्यर्थी की पहचान का सत्यापन बियोंड डाउट तरीके से नहीं हो पा रहा है.

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अपना नाम तक गलत लिख रहे हैं चयनित अभ्यर्थी

माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखे पत्र में बताया गया है कि काउंसिलिंग के क्रम में जिला स्तर पर कई समस्याएं सामने आ रही हैं. इसमें अभ्यर्थी ने बिहार लोक सेवा आयोग की विद्यालय शिक्षक परीक्षा के आवेदन में अपना नाम गलत लिखा अथवा उनकी स्पेलिंग में गलती पायी गयी. दूसरे, अभ्यर्थी ने बीपीएससी की परीक्षा के आवेदन में अपने आधार नंबर के कुछ गलत अंक डाल दिए हैं. तीसरे, अभ्यर्थी की तरफ से बीपीएससी के भरे गये आवेदन में नाम तथा आधार कार्ड में दिये गये नाम में भिन्नता दर्ज करायी है. इसके अलावा कई अन्य मामले भी संदिग्ध पाये गये हैं.

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