पटना सहित पूरे बिहार में कोरोना एक बार फिर तेज गति से बढ़ रहा है. हैरान करने वाली बात यह है कि अब कोरोना लक्षण भी बदल रहा है, जो लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इसे समझने की जरूरत है. इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक आंखों में जलन (कंजंक्टिवाइटिस) की सबसे ज्यादा शिकायत देखी जा रही है. इसके अलावा गले में खरास और दस्त जैसे लक्षण हैं. आंकड़ों के अनुसार कुल पॉजिटिव केस में करीब 27 ऐसे मरीज चिह्नित किये जा चुके हैं जिनको संबंधित लक्षण मिले हैं. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि मरीज जरूर बढ़ रहे हैं, लेकिन इस बार इनमें ज्यादा गंभीर लक्षण नहीं है.
पटना एम्स कोविड वार्ड के नोडल पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार कुमार का कहना है कि कोविड के मामले एम्स में फिर से आने लगे हैं. तीन दिन पहले एक सात माह के बच्चे की कोरोना से मौत हो गयी. जिस तरह से रफ्तार बढ़ रही है उससे लगता है कि अगले महीने तक कोविड के मामलों में और बढ़ोतरी हो सकती है. फिर उनमें गिरावट आने लगेगी क्योंकि पूरे देश में बीते तीन साल से इस तरह के मामले देखने को मिले हैं. उन्होंने कहा, हमने अस्पताल में मरीजों, खासतौर से बच्चों के लिए पूरे प्रबंध किये है, क्योंकि संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. हालांकि, उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है और लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जिनका टीका छूट गया है उनको टीके की एहतियाती खुराक (बूस्टर डोज) जरूर ले लेनी चाहिए.
सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार का कहना है कि छोटे बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है, ऐसे में हमें उनके लिए एहतियात बरतने की जरूरत है. क्योंकि उनमें बुखार, खांसी-सर्दी, आंखों में संक्रमण और पेट के संक्रमण जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं. (कोरोना वायरस का) यह स्वरूप (एक्सबीबी1.16) बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है.
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नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रंजना कुमार ने बताया कि कोरोना की वजह से भी आंखों में लालीपन, सूखापन, आंखों की रोशनी में कमी आना, सूजन आदि के लक्षण हो सकते हैं. हालांकि वर्तमान में गर्मी का भी मौसम चल रहा है, ऐसे में अगर लक्षण दिखते हैं कोविड के साथ-साथ नेत्र रोग विशेषज्ञ से भी तुरंत संपर्क करना चाहिए.