बिहार के सभी प्रखंड स्तर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तब्दील किया जा रहा है. इससे ग्रामीण अस्पतालों में मरीजों के लिए करीब 13 हजार अतिरिक्त बेड उपलब्ध हो जायेंगे. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस वर्ष 173 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उत्क्रमित करते हुए 30-30 बेड का निर्माण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इससे राज्य में इस वर्ष 5190 अतिरिक्त बेड उपलब्ध हो जायेंगे.
राज्य के 434 प्रखंडों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण किया जाना है. इसमें अभी तक 261 प्रखंडों में 30-30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण हो चुका है, जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 7800 बेड उपलब्ध हो चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुमोदित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी में 212 प्रकार की, जबकि भर्ती मरीजों को 97 प्रकार की मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराने का लाभ मरीजों को मिलेगा.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण होने के बाद यहां पर 24 घंटे इमरजेंसी सेवा के साथ मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों में सर्जन, फिजिशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ व शिशु रोग विशेषज्ञ की सेवाएं बहाल हो जायेंगी. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को प्रसव कक्ष की सुविधा उपलब्ध होगी जहां पर 24 घंटे प्रसव संभव होगा. इसके अलावा यहां पर ऑपरेशन थियेटर की सुविधा के अलावा एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी की सेवाएं बहाल हो जायेंगी. प्रखंडों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं बहाल होने से जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों पर मरीजों का दवाब कम होगा. साथ ही स्थानीय स्तर पर इलाज की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी.
राज्य सरकार द्वारा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में नये मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का निर्माण कराया जा रहा है. इसमें राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बक्सर में 500 बेड का अस्पताल तैयार किया जा रहा है. इसी तरह से राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बेगूसराय में 500 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है.
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने मिशन 60 के तहत सभी जिला अस्पतालों की व्यवस्था सुधार का अभियान चलाया था. अब मेडिकल कॉलेज से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक मिशन 60 दो की शुरुआत की गयी. इसमें अस्पतालों की गुणवत्ता पर जोर दिया जा रहा है. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने घोषणा की है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी सुबह-शाम ओपीडी की सेवा बहाल होगी. इसका लाभ गांव की जनता को मिलेगा जो शाम में भी मरीजों को मुफ्त में परामर्श और दवा का लाभ उठा सकेंगे.
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173 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उत्क्रमित करते हुए 30-30 बेडों के निर्माण का लक्ष्य है
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7800 बेड उपलब्ध हो चुके हैं
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261 प्रखंडों में 30-30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण हो चुका है
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13 हजार अतिरिक्त बेड उपलब्ध हो जायेंगे ग्रामीण अस्पतालों में
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97 प्रकार की मुफ्त दवाएं मिल रहीं भर्ती मरीजों को