मुजफ्फरपुर : यूरिया खाद की बिकी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद सभी जिलों में सघन जांच करायी जा रही है. जिले के उन 20 किसानों के यहां जाकर जांच की जानी है, जिनके नाम पर सबसे ज्यादा यूरिया की बिक्री दिखायी गयी है. जांच के क्रम में चौंकाने वाली जानकारी मिल रही है. ऐसे क्रेताओं के नाम आ रहे हैं जिनके पास भूमि कम है, लेकिन उनके नाम पर यूरिया बिक्री काफी अधिक दिखाई गयी है.
प्रत्येक जिले में जांच टीम गठित की गयी है, जो यह तलाश करने में जुटी है कि किस जमीन में यूरिया डाली गयी. अधिकतर मामलों में जमीन का प्रमाण व कागजात जांच अधिकारी को नहीं मिल रहे हैं. आशंका है कि यूरिया के नाम पर सब्सिडी हड़पने और यूरिया की कालाबाजारी के लिए पीओएस मशीन से अधिक बिक्री दिखायी गयी है.
मधुबनी में तो तीन उर्वरक बिक्रेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है और पांच का लाइसेंसरद्द किया गया है. वहीं, मुजफ्फरपुर में 16 विक्रेताओं को नोटिस जारी किया गया है. मुजफ्फरपुर में डीएम द्वारा गठित जांच टीम के अधिकारी अपर समाहर्ता सह लोक जन शिकायत पदाधिकारी अशोक कुमार, वरीय उप समाहर्ता सुश्री तरणिजा, सहायक कृषि पदाधिकारी रसायन अमरेंद्र प्रसाद सिंह मीनापुर के तुर्की बाज़ार स्थित रासायनिक खाद विक्रेता मेसर्स हनुमान फर्टिलाइजर के यहां जाकर जांच की.
जांच में मीनापुर के बेलाही लक्छी के एक किसान के नाम पर 145 बैग यूरिया बिक्री की गयी थी. उक्त किसान ने जांच टीम को बताया कि उनके दादा एवं पिता के नाम पर 15 एकड़ जमीन है, जिसमें 12 एकड़ जमीन पर मक्का, धान और सब्जी की खेती करते हैं. जांच टीम ने जब जमीन का प्रमाण व कागजात की मांग की तो उन्हें कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया.
जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि क्रेता और विक्रेता की मिलीभगत से यूरिया खाद की कालाबाजारी की गयी है. जांच टीम की रिपोर्ट पर जिला कृषि पदाधिकारी ने उक्त दुकान का लाइसेंस निलंबित करते हुए स्पष्टीकरण की मांग की है. इसी प्रकार की गड़बड़ी अन्य जगहों पर भी जांच टीम को मिली है.
posted by ashish jha