पटना. कोयले की कमी के कारण बिजली घरों में बिजली का उत्पादन प्रभावित न हो इसके लिए केंद्र सरकार ने कोयले की आपूर्ति समय से सुनिश्चित करने को कोर मैनेजमेंट टीम (सीएमटी) का गठन कर दिया है. सीएमटी कोयला आपूर्ति की दैनिक निगरानी करेगी. इसमें एमओपी, सीइए और कोल इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है.
केंद्रीय विद्युत सचिव आलोक कुमार ने कुछ विद्युत संयंत्रों में कोयले के कम भंडार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीइए) और कोयला मंत्रालय के साथ बैठक में यह निर्णय लिया है.
बैठक में कोयले की आपूर्ति को विद्युत संयंत्रों को प्राथमिकता के आधार पर लदाई और कोयला आपूर्ति से संबंधित मुद्दों के लिए केंद्रीकृत इ-मेल आइडी (fmdiv.cea@gov.in) जारी की गयी थी. कोयले के लिए इसी पर अनुरोध भेजा जायेगा. ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले के कम भंडार की वर्तमान स्थिति पर विद्युत मंत्रालय नजर रख रहा है.
मानक संचालन प्रक्रिया के तहत कोयला आपूर्ति से संबंधित मुद्दों को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, कोयला मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, रेलवे, कोयला कंपनियों और बिजली आपूर्ति से संबंधी पक्षों के प्रतिनिधियों के उपसमूह की साप्ताहिक बैठकों में उठाया जा रहा है.
केंद्रीय विद्युत सचिव की बैठक में बताया गया कि जिन विद्युत संयंत्रों के पास कोयले का भंडार 14 दिनों की आवश्यकता से अधिक का है, वहां इसे अगले सात दिनों के लिए और क्या जायेगा.
इसके बाद बचे हुए कोयले की आपूर्ति पहले सुपर-क्रिटिकल श्रेणी के संयंत्रों को और उसके बाद क्रिटिकल श्रेणी के संयंत्रों को की जायेगी़ इससे सभी विद्युत संयंत्रों में कोयले के स्टॉक का समान वितरण हो सकेगा.
कोयला खदानों को ताप विद्युत उत्पादन संयंत्रों के साथ मैप किया जायेगा़ इन ताप विद्युत उत्पादन संयंत्रों को सीआइएल द्वारा की जाने वाली कोयले की आपूर्ति को कम किया जा सकता है़
Posted by Ashish Jha