पटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री एवं विधान पार्षद शाहनवाज हुसैन मंगलवार की दोपहर मुंबई में अचानक कार्डियक अरेस्ट के शिकार हो गये थे. जिसके बाद आनन-फानन में उनको स्थानीय लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां एंजियोग्राफी कर उनको स्टेंट लगाया गया था. डॉक्टरों की निगरानी में रखने के बाद आज शनिवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दे गई. लीलावती अस्पताल के डॉ. जलील पारकर ने उन्हें 15 दिनों तक आराम करने की सलाह दी है.
लीलावती अस्पताल के डॉक्टर ने दी जानकारी
लीलावती अस्पताल के डॉक्टर जलील पारकर ने भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन की सेहत की जानकारी देते हुए मंगलवार को बताया था कि शाहनवाज हुसैन (54) की एंजियोप्लास्टी की गयी है. एंजियोप्लास्टी एक प्रक्रिया है जिसे डॉक्टर हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली शिरा बिल्कुल सिकुड़ जाने या या बंद हो जाने पर इस रूकावट को दूर करने के लिए करते हैं.
हृदय के दाहिने हिस्से में रूकावट नजर आयी
डॉ पारकर ने बताया था कि एंजियोग्राफी की गयी जिसमें भाजपा नेता के हृदय के दाहिने हिस्से में रूकावट नजर आयी. उन्होंने बताया कि शाहनवाज हुसैन ने उच्च रक्तचाप की शिकायत की थी. जिसके बाद मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार ने लीलावती अस्पताल में भर्ती कराये जाने के लिए मुझे कॉल किया, जिसके बाद शाहनवाज हुसैन को अस्पताल में भर्ती किया गया. हृदय चिकित्सक सुरेश विजान ने उनकी एंजियोप्लास्टी की.
हृदय मांसपेशियों को नहीं पहुंचा है कोई नुकसान
उन्होंने कहा कि उनकी हृदय मांसपेशियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. डॉक्टर के अनुसार चूंकि हुसैन ने कहा कि पहले उन्हें अम्लता हुई थी, इसलिए पहले ईसीजी और टूडी इको टेस्ट कराने का फैसला किया गया. डॉ. पारकर ने कहा कि डा. सुरेश विजान को आगे की जांच के लिए बुलाया गया. डा. विजान ने एंजियोग्राफी की जिसमें हृदय के दाहिने हिस्से में रूकावट नजर आयी. उसके बाद हुसैन की तत्काल एंजियोप्लास्टी करने का फैसला किया गया..
एक माह पहले भी हुए थे बीमार
इससे पहले पिछले महीने ही उनकी तबियत अचानक खराब हो गई थी, तब उन्हें नई दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. एम्स के डॉक्टरों ने तब उन्हें वायरल निमोनिया से पीड़ित बताया था और उन्हें इलाज के बाद आराम करने की सलाह दी थी. जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें लीलावती अस्पताल लाया गया, जहां ECG जांच के दौरान पता चला कि उन्हें हार्ट अटैक नहीं बल्कि कार्डियक अरेस्ट हो गया है. शाहनवाज की हालत अब ठीक बताई जा रही है.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं शाहनवाज हुसैन
बता दें कि शाहनवाज हुसैन बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और वह बिहार सरकार में उद्योग मंत्री भी रहे हैं. इसके अलावा वह तीन बार लोकसभा सांसद और एक बार बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं.
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क्या है कार्डियक अरेस्ट
इन दिनों कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ये दोनों कहीं भी, कभी भी और किसी को भी अपना शिकार बना ले रहे हैं. दरअसल, जिसे लोग हार्टअटैक समझते हैं, वह कार्डियक अरेस्ट है. यह बिना लक्षण के ही आता है. दोनों के बीच काफी अंतर भी होता है. आइए जानते हैं दोनों में कौन ज्यादा खतरनाक है.
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर
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1. कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में काफी अंतर होता है. जब हार्ट में खून नहीं पहुंचता तब हार्ट अटैक आता है, लेकिन कार्डियक अरेस्ट में हार्ट अचानक से ही काम करना बंद कर देता है.
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2. जब आर्टिरीज में ब्लड फ्लो रुक जाता है या खत्म हो जाता है, तब ऑक्सीजन की कमी से हार्ट का वह भाग डेड होने लगता है. वहीं, दूसरी तरफ कार्डियक अरेस्ट में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है. ऐसा होने पर कुछ भी हो सकता है.
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
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1.कार्डियक अरेस्ट में बिल्कुल भी लक्षण नहीं दिखाई देता है, ये हमेशा अचानक से ही आता है.
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2. मरीज जब भी गिरता है तो कार्डियक अरेस्ट की वजह से ही गिरता है, इसे पहचानने के कई तरीके हैं.
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3. जब भी मरीज गिरता है, तब उसकी पीठ और कंधों को थपथपाने के बाद कोई रिएक्शन नहीं मिलता है.
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4. मरीज की दिल की धड़कन अचानक से काफी तेज हो जाता है और वह नॉर्मल सांस नहीं ले पाता है.
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5. पल्स और ब्लड प्रेशर रूक जाता है.
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6. ऐसी स्थिति में दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों में खून नहीं पहुंच पाता है.
कार्डियक अरेस्ट या हार्ट अटैक कौन ज्यादा खतरनाक
अगर दोनों में से ज्यादा खतरनाक की बात की जाए तो वह कार्डियक अरेस्ट है. क्योंकि इसमें किसी तरह का लक्षण दिखाई नहीं देता है. जबकि हार्ट अटैक का संकेत 48 से लेकर 24 घंटे पहले ही मिलने लगता है. हार्ट अटैक में मरीज को संभलने और जान बचाने का मौका मिलता है. जबकि कार्डियक अरेस्ट में कोई मौका नहीं मिलता है.
कार्डियक अरेस्ट से बचने इन बातों का रखें ख्याल
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1. रोजाना एक घंटे फिजिकल एक्टिविटीज करें और वजन न बढ़ने दें.
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2. कार्डियो एक्सरसाज करें, जैसे- साइकिलिंग, जॉगिंग या क्रिकेट, बैडमिंटन और फुटबालॅ खेलें.
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3. जितना हो सके जंक फूड से दूर रहें और फ्रूट्स और अंकुरित अनाज लें.
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4. खाने में सलाद जरूर रखें. हाई फाइबर सब्जियां, प्रोटीन और दालों को भी शामिल करें.
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5. भरपेट खाना खाने से बचें और ज्यााद देर तक भूखें भी न रहें.
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6. रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठें.
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7. मोबाइल और टीवी से जितना हो सके परहेज करें.
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8. स्ट्रेस लेने और अकेलेपन से बचने की कोशिश करें.
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9. 30 साल के बाद कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की जांच शुरू करें.