पटना. नेपाल बॉर्डर पर स्थित बिहार के वाल्मीकिनगर से झारखंड के हरिहरगंज तक करीब 454 किमी लंबाई में फोरलेन सड़क बनेगी. यह सड़क पटना के नौबतपुर से बिक्रम, अरवल, औरंगाबाद, अंबा से हाेकर हरिहरगंज पहुंचेगी. करीब 143 किमी लंबाई की इस सड़क का डीपीआर इसी साल बनकर तैयार हो जायेगा. साथ ही इस सड़क का निर्माण अगले साल शुरू हाेने और इसे 2026 तक बनकर तैयार होने की संभावना है. इस फोरलेन सड़क के निर्माण की मंजूरी पिछले दिनों केंद्र सरकार ने दे दी है.
सूत्रों के अनुसार पटना के नौबतपुर से हरिहरगंज तक पहले से दो लेन एनएच-98 बना हुआ है. इस दो लेन की सड़क पर गाड़ियों का दबाव अधिक रहता है. सोन नदी के पूर्वी छोर से बिल्कुल पास होकर यह एनएच बिक्रम-अरवल-औरंगाबाद और अंबा होते हुए हरिहरगंज तक जाता है. झारखंड के पश्चिमी छोर के गढ़वा-डाल्टेनगंज और छत्तीसगढ़ तक आवागमन करने वालों के लिए यह सड़क बेहतर माना जाता है.
हरिहरगंज से नौबतपुर तक पहुंचने वाली एनएच-98 की कनेक्टिविटी पटना-बेतिया सड़क से की जायेगी. फिलहाल करीब 5600 करोड़ रुपये की लागत से करीब 195 किमी लंबे इस फोरलेन सड़क का निर्माण हो रहा है. यह बुद्ध सर्किट का मुख्य हिस्सा है. इस नये फोरलेन के बनने के बाद वाल्मीकिनगर से हरिहरगंज तक का सफर 11 घंटे से घटकर छह घंटे का हो जायेगा. इसके अलावा झारखंड के पश्चिमी इलाके में स्थित पलामू और चतरा से नेपाल की सीधी कनेक्टिविटी हो जायेगी. सोनपुर से अरेराज तक गंडक नदी के पश्चिमी किनारे की तरफ भी फोर लेन का निर्माण होगा, जिससे सारण कमिश्नरी के दो जिले सारण और गोपालगंज के दियारा इलाके में आवागमन बेहतर होगा.
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इस सड़क के बनने से वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व देखने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला एक अन्य मार्ग विकसित हो जायेगा. वाल्मीकिनगर से हरिहरगंज तक आवागमन में वर्तमान में करीब 11-12 घंटे लगते हैं, सड़क बनने पर करीब छह से सात घंटे लगेंगे. यह सड़क आगे वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगी. इससे कोलकाता पहुंचना आसान होगा. साथ ही दक्षिण बिहार से सिलीगुड़ी और असम की तरफ जाना भी आसान होगा. कम समय में रास्ता तय होगा. राेजी-रोजगार और व्यापार के अवसर बढ़ेंगे. इससे राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी.