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गया के लोकल मार्केट में इस वजह से 40 प्रतिशत तक कम हुआ कारोबार, दुकानदार परेशान

ऑनलाइन शॉपिंग में अधिक विकल्प, आसान भुगतान और ऑफर ने लोगों को अपनी ओर रिझाया है. ई शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मांग अधिक होती है. इसके कारण गया के लोकल मार्केट का व्यवसाय 40 प्रतिशत से प्रभावित हुआ है. ऑनलाइन शॉपिंग क्रेज में वृद्धि के कारण गया बाजार की स्थिति पर नीरज कुमार की रिपोर्ट पढ़ें...

Gaya News: गया शहर सहित जिले में लोगों में ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ा है. किराना से लेकर कपड़ा, मनिहारी से लेकर राशन, दवाई से लेकर हार्डवेयर, मोबाइल फोन से लेकर इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सहित अन्य सभी क्षेत्रों में ऑनलाइन कारोबार हाल के कुछ वर्षों से काफी तेजी से बढ़ा है. दो साल में यह कारोबार करीब डेढ़ गुनी स्पीड से बढ़ा है.

40 प्रतिशत से अधिक प्रभावित हुआ लोकल बाजार

जानकारी के अनुसार, दो साल पहले जिले में जहां छह हजार कुरियर आते थे, अब उसकी संख्या करीब 10 हजार हो गयी है. इधर ऑनलाइन कारोबार से लोकल बाजार का कारोबार 40 प्रतिशत से भी अधिक प्रभावित हुआ है. लैपटॉप अथवा मोबाइल के माध्यम से लोग घर बैठे ऑनलाइन मार्केटिंग वेबसाइट पर मनपसंद उत्पादों को ढूंढ कर घर पर मंगा रहे हैं.

लोकल बाजार में दुकानदारों को रहता है ग्राहकों का इंतजार

करीब एक दशक पहले तक शहर के मुख्य व्यावसायिक क्षेत्र पुरानी गोदाम, धामी टोला, केपी रोड, कठोकर तालाब, मुरारपुर व आसपास के मुहल्ले में स्थित दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ जुटती थी. सामान खरीदने के लिए ग्राहकों को लंबे समय तक अपनी बारी के आने का इंतजार करना पड़ता था. ऑनलाइन के बढ़ते कारोबार से अब स्थितियां इसके ठीक विपरीत हो गयी हैं. अब दुकान पर बैठे दुकानदारों को ग्राहकों के आने का पूरे दिन इंतजार रहता है. अब विशेष कर रोज कमाने खाने वाले लोग ही लोकल बाजार से खरीदारी करते हैं. कुछ मध्यम तो कुछ संपन्न परिवार के लोग बहुत जरूरी होने पर ही लोकल बाजार के ग्राहक बनते हैं.

जिले की अर्थव्यवस्था पर पड़ा असर

लोकल बाजार के कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ने से जिले की अर्थव्यवस्था पर भी तेजी से प्रतिकूल असर पड़ा है, क्योंकि ऑनलाइन के बढ़ते कारोबार से रुपये का ट्रांजैक्शन जिले से ही नहीं बल्कि राज्य से भी बाहर हो रहे हैं. दूसरी तरफ लोकल बाजार के कारोबार पर असर पढ़ने से सभी क्षेत्रों में कुछ न कुछ दुकानें बंद भी हो गयी हैं, जो दुकानें खुली हैं, ऑनलाइन कारोबार के विकल्प में ग्राहकों को होम डिलीवरी की सुविधा देकर अपना अस्तित्व बचाये हुए हैं.

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क्या कहते हैं कारोबारी

सीधे कंपनियों से सामान की खरीदारी करने से ऑनलाइन से जुड़े कारोबारी को कुछ सस्ता पड़ता है. इसके कारण ग्राहकों का रुझान ऑनलाइन कारोबार की ओर बढ़ा है. ऑनलाइन के इस बढ़ते कारोबार ने लोकल बाजार को 40 प्रतिशत से भी अधिक प्रभावित किया है. ऑनलाइन के बढ़ते प्रचलन से सबसे अधिक मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लोकल बाजार पर असर पड़ा है. लुभावने ऑफर व क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने पर अतिरिक्त रियायत ऑनलाइन कंपनियों द्वारा दिये जाने से ग्राहकों का झुकाव इस ओर बढ़ा है.

संजय भारद्वाज

कहते हैं ऑनलाइन मार्केटिंग से जुड़े प्रतिनिधि

दो वर्ष पहले से ऑनलाइन नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़ा हूं. तब शहर सहित जिले में करीब छह हजार पैकेट कुरियर द्वारा सप्लाइ की जाती थी. आज इसकी संख्या बढ़कर 10 हजार से अधिक हो गयी है. यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि ऑनलाइन का कारोबार तेजी से बढ़ा है.

राकेश कुमार, ऑनलाइन कारोबार से जुड़े प्रतिनिधि

ग्राहकों ने क्या कहा

लोकल बाजार से ऑनलाइन खरीदारी में काफी बचत होती है. लगभग सभी उत्पाद 20 से 40 प्रतिशत तक सस्ता होने से ऑनलाइन शॉपिंग करती हूं. पसंद नहीं आने पर आसानी से रिटर्न भी हो जाता है.

नंदनी कुमारी

ऑनलाइन शॉपिंग में कंपनी द्वारा तरह-तरह का ऑफर रहता है. क्रेडिट कार्ड अथवा बैंक से ऑनलाइन पेमेंट करने पर अतिरिक्त डिस्काउंट भी मिलता है. इसके कारण लोकल बाजार से सामान सस्ता होता है.

पूनम कुमारी

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