Gaya News: गया के आमस प्रखंड के झरी पंचायत के बिहारी बिगहा और कोणार नगर टोले में छह दिनों के अंदर सात लोगों की हुई मौत से संबंधित खबर सामने आने के बाद शुक्रवार को डीएम डॉ त्यागराजन गंभीर हुए और इस मामले में हर संभव कार्रवाई करने का निर्देश सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह को दिया. शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह और आमस बीडीओ नीरज कुमार राय सहित अन्य अधिकारी उक्त टोलों में पहुंचे और पीड़ित परिवारों से भेंट की.
175 ग्रामीणों का किया गया इलाज
मेडिकल टीम में शामिल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आमस के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ महेश प्रसाद ने बताया कि सिविल सर्जन करीब तीन घंटे तक झरी के विभिन्न टोलों में रहे और घर-घर जाकर ग्रामीणों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को सुनने के बाद खुद ग्रामीणों का हेल्थ जांच भी किया. उन्होंने बताया कि कैंप में कुल 175 ग्रामीणों का हेल्थ चेकअप किया गया है और आवश्यकता अनुसार सीबीसी, मलेरिया, लिवर और डेंगू जांच के लिए सैंपल लिये गये हैं. फिलहाल तीन लोगों में जॉन्डिस के लक्षण पाये गये हैं. बीमारी के अनुसार रोगियों को दवाएं दी गयी हैं और ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव व फॉगिंग भी कराया गया है.
दूषित पानी निकला बीमारी की बड़ी वजह
डॉ महेश प्रसाद ने बताया कि दूषित पानी के कारण यहां के लोग बीमार पड़ रहे हैं और अलग-अलग कारणों से लोगों की मौत हुई है. कुछ लोग काफी दिनों से बीमार थे, जबकि एक पंद्रह दिन के बच्चे की पीठ में जन्म से ही घाव था और इस कारण उसकी मौत हो गयी है.
जॉन्डिस से हुई एक मौत, अन्य के बारे में लगाया जा रहा पता
प्रभारी ने बताया कि मेडिकल टीम में डॉ महेश प्रसाद के अलावा डॉ उदय प्रताप, फार्मासिस्ट जगेश्वर मंडल, लैब टेक्निशियन योगेंद्र कुमार, हेल्थ मैनेजर, एएनएम कपूरवास कुमारी और स्थानीय आशा शामिल थीं. सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने बताया कि एक की मौत जॉन्डिस से ग्रसित होने के कारण हुई है. अन्य लोगों की मौत कैसे हुई है, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है.
क्या कहते हैं बीडीओ
बीडीओ नीरज कुमार राय ने बताया कि उक्त टोलों में पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि कोणार नगर में जगमोहन मांझी, शोभा कुमारी और फूलमंती कुमारी में इसके लक्षण पाये हैं. उन्होंने बताया कि तीनों को सिविल सर्जन ने बेहतर इलाज के लिए गया भेजने का आदेश दिया है. बीडीओ ने यह भी बताया कि पीएचइडी को पानी की जांच करने का आदेश दिया गया है.
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