Gaya Weather: अधिक सर्दी हो या गर्मी ट्रैक अपना स्वरूप बदल लेता है, जो हादसों का कारण बनता है. गलन भरी सर्दी के दौरान सबसे अधिक आशंका ट्रैक फैक्चर की होती है. यहीं कारण है कि इस मौसम में रेलवे अधिकारियों का पूरा ध्यान इसी पर होता है. ऐसी घटनाएं रोकने के लिए रेलवे अधिकारियों ने स्पेशल टीम गठित की है. यह टीम रेलवे पटरियों पर अलग-अलग शिफ्टों में 24 घंटे पैट्रोलिंग करेगी. इस टीम में सीनियर अधिकारियों के साथ-साथ ट्रैक मैन, सिग्नल मैन, पेट्रोलिंग मैन व अन्य स्थानीय अधिकारी शामिल हैं. यह टीम गया से जुड़े सभी रूटों में आनेवाले रेलवे स्टेशनों के पटरियों की जांच करेगी. जांच की रिपोर्ट सीनियर अधिकारियों को दी जायेगी.
गड़बड़ी मिलने पर कंट्रोल रूम को देनी होगी सूचना
जांच के दौरान गड़बड़ी मिलने पर तुरंत स्थानीय अधिकारियों के साथ-साथ कंट्रोल रूम को सूचना देनी होगी. वहीं ट्रैक की सुरक्षा ट्रैक मैन और गैंग मैन के हाथ में है. ऐसे में गया रेलवे स्टेशन परिक्षेत्र में अलग-अलग टीमें रात भर रेलवे ट्रैक पर टाॅर्च से फैक्चर की जांच करेगी. पहले पटाखा चलाकर ट्रेनों को सिग्नल देने की व्यवस्था थी, लेकिन बदलते समय में इस व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है.
लगाये गये आधुनिक अलर्ट सिस्टम
आधुनिक सिग्नल प्रणाली के लागू होने के बाद अब कोहरे में सिग्नल देने के लिए आधुनिक अलर्ट सिस्टम लगाये गये हैं. यह दिक्कत होने पर तुरंत अलर्ट करता है और सिग्नल को लाल कर देता है. हालांकि इस मौसम में अभी तक ट्रैक फैक्चर की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आयी है. वैसे तो सर्दियों की शुरुआत होते ही सतर्कता शुरू कर दी गयी है. अब ठंड अधिक है, इसलिए कर्मियों की टीमों को ट्रैक की पैट्रोलिंग में लगाया गया है.
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