शेरघाटी. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी शेरघाटी के द्वारा बार-बार जांच रिपोर्ट की मांग के बाद भी नहीं सौंपना थानाध्यक्ष को महंगा पड़ गया. लोक प्राधिकार के द्वारा परिवाद के निबटारे में लापरवाही बरतने के आरोप में थानाध्यक्ष पर पांच हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है. साथ ही इसको लेकर वरीय पुलिस अधीक्षक को थानाध्यक्ष के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है. उल्लेखनीय है कि कठार गांव के रहनेवाले पंकज कुमार ने गांव के आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा बाहुबल और गुंडागर्दी के बल पर खेती-बाड़ी बंद करवा देने की शिकायत की थी. साथ ही उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि मामले को लेकर थाने में शिकायत के बाद भी कोई सहयोग नहीं मिला. इसके बाद शिकायत के आलोक में प्राधिकार के द्वारा शेरघाटी थाने को विधिवत नोटिस व्हाट्सएप, इमेल एवं दूरभाष आदि के माध्यम जांच प्रतिवेदन की मांग की गयी. लेकिन, लोक प्राधिकार के स्तर से पांच सुनवाई के बाद भी थाने की ओर से जांच प्रतिवेदन नहीं समर्पित किया गया. इससे लोक प्राधिकार के प्रति उनकी लापरवाही व बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त परिवादों के निवारण में उनकी उदासीनता दर्शाता है. इसको लेकर लोक प्राधिकार थानाध्यक्ष शेरघाटी के विरुद्ध पांच हजार अर्थ दंड के साथ-साथ अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा सहित वाद को स्वीकृत करते हुए आगे की करवाई समाप्त कर वरीय पुलिस अधीक्षक, अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को सूचना भेजी गयी है.
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