गया. किसानों से जिले में धान की खरीद की जा रही है. इसकी समीक्षा को लेकर डीएम डॉ त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक हुई. बैठक में समीक्षा के क्रम में जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिला अंतर्गत कुल 316 पैक्स व व्यापार मंडलों द्वारा धान अधिप्राप्ति का कार्य 15 नवंबर से शुरू किया गया है. धन खरीद में 298 पैक्स व 18 व्यापार मंडल शामिल हैं. अभी तक कुल 505 किसानों से 3805.920 टन धान की खरीद की गयी है. डीएम ने निर्देश दिया कि मगध सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड प्रबंध निदेशक व सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी धान अधिप्राप्ति में संलग्न शत प्रतिशत किसानों का भुगतान 48 घंटे के अंदर कराना सुनिश्चित करेंगे. डीएम ने प्रतिवेदन की समीक्षा के दौरान धान खरीद के लिए ऑनलाइन आवेदन करनेवाले किसानों की संख्या में कमी को लेकर नाराजगी व्यक्त की. निर्देश दिया कि व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए अधिक से अधिक किसानों का निबंधन कराना सुनिश्चित करेंगे. जिले में धान बेचने के लिए ऑनलाइन आवेदन करनेवाले किसानों की कुल संख्या 34166 है. जिसमें 14819 रैयत किसान व 19347 गैर रैयत किसान हैं. जिले में धान क्रय के लिए 138 समितियां को क्रियाशील बनाया गया है. 18 मिल का चयन किया गया है.
30 राइस मिलों का हुआ सत्यापन
जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि चयनित सभी समितियों को कैश क्रेडिट उपलब्ध कराया गया है. जिससे धान खरीद का कार्य उन समितियों द्वारा किया जा रहा है. संबंधित समितियों द्वारा धान खरीद के निर्धारित लक्ष्य की समीक्षा जिला पदाधिकारी के द्वारा की गयी. वहीं बैठक के दौरान राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक ने बताया कि राइस मिल सत्यापन की जानकारी देते हुए बताया कि 30 मिलों का सत्यापन किया जा चुका है. डीएम ने जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया कि हर हाल में छोटे किसानों को प्राथमिकता पर धान क्रय किया जाये. डीएम ने कहा कि राज्य सरकार काफी गंभीर है, धान खरीद को लेकर. हर सप्ताह प्रगति संबंधित उच्च स्तरीय बैठक भी हो रही है. धान खरीद में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जायेगी.जो पैक्स या व्यापार मंडल डिफॉल्टर हुए हैं उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें
डीएम ने कहा कि पिछले वर्ष की धान खरीद में जो पैक्स या व्यापार मंडल डिफॉल्टर हुए हैं उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें. वहीं पिछले वर्ष जो भी मिल गड़बड़ किये हैं, उसे इस वर्ष नहीं जोड़ा जाये. डीएम ने कहा कि पैक्स गोदाम और सीएमआर गोदाम की अनुमंडल पदाधिकारी स्तर से नियमित जांच करवाया जाये. किसान जितना मात्रा में धान दे रहे हैं, उसी वजन के अनुरूप किसानों को भुगतान करें, उस से कम भुगतान नहीं करें. डीएम ने कहा कि किसानों को पूरी मदद नहीं करने के कारण मजबूरन वह मार्केट में अपने धान को बेचते हैं. अगर सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी रुचि लेकर किसानों को मदद करेंगे तो हर हाल में विभाग द्वारा दिए गये टारगेट का अचीव होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है