गया. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग की ओर से फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मलेरिया की जांच को लेकर एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने दिया. इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह भी मौजूद थे. मलेरिया के विषय में जानकारी देते हुए डॉ हक ने बताया कि मलेरिया मच्छरों के काटने से फैलता है. मलेरिया की रोकथाम का सबसे बेहतर उपाय मच्छरों के प्रजनन को रोकना है. नाली या गंदी जगहों पर मच्छर पनपते हैं और ऐसी जगहों को नियमित साफ-सुथरा रखना जरूरी है. प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण मलेरिया होता है.
खून जांच के बताये गये तरीके
प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को मलेरिया के होने पर मरीजों की खून जांच की विधि बतायी गयी. साथ ही तकनीकी पहलुओं का ध्यान रखने के लिए कहा गया. डॉ हक ने बताया कि मलेरिया स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है. आज भी मलेरिया एक बड़ी समस्या है जो हर साल लाखों लोगों की जान ले रहा है. वैश्विक तापमान में इजाफा और जलवायु परिवर्तन मलेरिया के प्रसार का बड़ा कारण है. मलेरिया के लक्षणों में ठंड लगना और तेज कंपकपी होना, बुखार और पसीना आना, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, सिर दर्द और थकान हैं, जो आमतौर पर काटने के कुछ सप्ताह बाद होते हैं. सही समय पर दवा लेने से यह रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है. बुखार के किसी प्रकार के लक्षण को नजरअंदाज नहीं करें.
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