बोधगया. मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित विभिन्न पीजी पाठ्यक्रमों के साथ ही वोकेशनल कोर्सेज में दाखिला ले चुके छात्र-छात्राओं को अब हॉस्टल में कमरे उपलब्ध कराना एमयू प्रशासन के समक्ष समस्या बनी हुई है व विद्यार्थियों की भी इससे परेशानी बढ़ गयी है. मगध विवि स्थित विभिन्न स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में नामांकन कराने वाले छात्र-छात्राएं यह प्रयास में होते हैं कि उन्हें यहां छात्रावास में कमरे उपलब्ध कराये जायें. गांव-देहात व दूर-दराज से यहां पढ़ने के लिए दाखिला लेने वाली छात्राओं के समक्ष और भी ज्यादा परेशानी की स्थिति पैदा हो जा रही है. अब जबकि नये सत्र में कक्षाएं प्रारंभ हो चुकी है व पठन-पाठन के लिए छात्र-छात्राओं का आनाजाना शुरू हो चुका है, ऐसे में उन्हें हर दिन क्लास के लिए आना मुश्किल हो रहा है. हॉस्टल की कमी के कारण एमयू प्रशासन भी असमंजस की स्थिति में है. इस कारण छात्र-छात्राओं को मगध विवि के आसपास के क्षेत्र में किराये पर कमरे लेने पड़ रहे हैं व बोधगया में कमरों के किराये अपेक्षाकृत ज्यादा होने के कारण छात्र-छात्राओं पर अतिरिक्त बोझ बन रहा है. इस संबंध में कई छात्र-छात्राओं ने कहा कि मगध विवि प्रशासन को नामांकित छात्रों के मुताबिक हॉस्टलों की भी व्यवस्था की जानी चाहिए .
दो हॉस्टल हैं निर्माणाधीन : डीएसडब्ल्यू
मगध विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो ब्रजेश राय ने बताया कि दो हॉस्टल निर्माणाधीन है, जिसमें 400 बेड की व्यवस्था हो पायेगी व यह मार्च तक तैयार हो जायेगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल छात्र-छात्राओं के लिए पांच हॉस्टल मौजूद हैं जिनमें लगभग 700 स्टूडेंट्स की व्यवस्था है. हालांकि, नये सत्र में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या के लिहाज से कमरों की संख्या कम ही है. उन्होंने बताया कि आइआइएम बोधगया के लिए जमीन हस्तांतरित किये जाने के कारण पूर्व से रहे कई हॉस्टल टूट गये व इस कारण फिलहाल समस्या बनी हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है