Success Story: बिहार के गया जिले के टनकुप्पा गांव के रहनेवाले मनोज बिहारी वर्मा को लाइबेरिया गणराज्य का राजदूत बनाया गया है. आज से 15 साल पहले यह गांव नक्सल प्रभावित क्षेत्र था. यह वही क्षेत्र है जहां 2002 में नक्सलियों द्वारा थाना भवन को बम लगाकर उड़ा दिया गया था. नक्सल प्रभावित क्षेत्र से निकलकर मनोज ने यह बड़ी सफलता हासिल की है.
नक्सल प्रभावित इलाका से होने के बावजूद मनोज बिहारी वर्मा ने ना तो मेहनत में कमी की और ना ही उच्च शिक्षा प्राप्त करने से पीछे हटे. बता दें कि मनोज बिहारी वर्मा के पिता किसान थे. हालांकि उनकी सफलता जिला और राज्य के लिए प्रेरणादायक है. मनोज बिहारी वर्मा को लाइबेरिया गणराज्य साउथ अफ्रीका में भारतीय राजदूत के पद पर नियुक्त किया गया है.
गांव से की थी दसवीं तक की पढ़ाई
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब गांव का कोई बेटा पढ़ाई कर बड़े पद पर नौकरी कर लेता है, तो माता-पिता के साथ ही परिजन, समाज और गांव का भी सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है. मनोज बिहारी ने गांव के स्कूल से मैट्रिक तक की पढ़ाई की, उसके आगे की पढ़ाई गया और दूसरी जगहों से उन्होंने पूरी की है.
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6 जनवरी को देंगे लाइबेरिया गणराज्य में अपना योगदान
मनोज बिहारी वर्मा वर्तमान में भारतीय उच्चायोग दार एस सलाम में उच्चायुक्त के पद पर कार्यरत हैं. बता दें कि मनोज बिहारी 1997 में विदेश मंत्रालय में सरकारी सेवा में आए थे. उन्होंने सऊदी अरब, रूस, अमेरिका, सूडान समेत कई देशों में विभिन्न पदों पर काम किया है. वे 6 जनवरी को भारतीय राजदूत बनकर लाइबेरिया गणराज्य में अपना योगदान देंगे.