बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और राजभवन के बीच विश्वविद्यालयों को लेकर टकराव की स्थिति बनी हुई है. इसी बीच अब इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी का बयान सामने आया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज भवन और शिक्षा विभाग दोनों में कोई विवाद नहीं है. समय-समय पर बैठकें होती रहती हैं. दोनों ही राज्य में बेहतर शिक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं.
उन्होंने शिक्षा विभाग की बैठक से अनुपस्थित कुलपतियों पर एफआईआर किए जाने की बात को नकारते हुए कहा कि इन मामलों में किसी भी थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. शिक्षा मंत्री ने ये बातें अपने दो दिवसीय गया दौरे के दौरान रविवार को सर्किट हाउस में कही.
सक्षमता परीक्षा नियोजित शिक्षकों के लिए अच्छा अवसर : विजय चौधरी
शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने सक्षमता परीक्षा के सवाल पर कहा कि यह तो नियोजित शिक्षकों के लिए सरकारी कर्मचारी बनने का अच्छा अवसर है. कुछ शिक्षकों ने डिमांड की थी कि कंप्यूटर से परीक्षा नहीं ली जाये, तो उनकी बातों को स्वीकार भी किया गया. इधर, राजद नेताओं पर इडी की कार्रवाई व गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा दिये गये बयान पर मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश कुमार की सरकार जीरो टॉलरेंस पर कामकाज कर रही है. इससे निबटने के लिए नीतीश कुमार के द्वारा कई निर्णायक कदम उठाये गये हैं और अब केंद्र सरकार के साथ मिल कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सरकार कटिबद्ध है.
शिक्षा विभाग और राजभवन में टकराव क्यों ?
बता दें कि शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की एक बैठक बुलाई थी. राजभवन ने इस बैठक में कुलपतियों के शामिल होने पर रोक लगा दी थी. राजभवन के आधिकारिक पत्र में कुलपतियों से यह भी कहा गया था कि विश्वविद्यालयों के कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक भी उसमें शामिल नहीं होंगे.
शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों में विलंबित परीक्षाओं एवं वर्तमान परीक्षाओं की स्थिति की समीक्षा के लिए नौ मार्च को राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की यह बैठक बुलायी थी. शिक्षा विभाग ने 9 मार्च को बैठक स्थगित करते हुए इसे 15 मार्च को बुलाया है. ऐसे में राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच क्षेत्राधिकार को लेकर टकराव की स्थिति बनी हुई है.