पटना. अब नगर निकायों को लोग अपनी प्रोपर्टी की गलत जानकारी नहीं दे पायेंगे. अगर किसी ने ऐसा किया तो उनकी गलती पकड़ी जायेगी. इसके लिए राज्य के 99 शहरों की जीआइएस मैपिंग करायी जायेगी. सभी शहरों का प्रोपर्टी सर्वे भी होगा. नगर विकास विभाग ने निकायों की आमदनी बढ़ाने तथा इलाके में रहने वाले लोगों की संपत्ति के सही आकलन के लिए पटना समेत प्रदेश के 99 शहरों और कस्बों का प्रॉपर्टी सर्वे और जीआइएस मैपिंग कराने का निर्णय लिया है.
इसके लिए इच्छुक एजेंसियों से 18 सितंबर तक प्रस्ताव मांगा गया है. डोर-टू -डोर होने वाले सर्वे के आधार पर सभी जगहों की जीआइएस मैपिंग की जायेगी. इसके आधार पर तय होगा कि कौन सी प्रॉपर्टी असल में कितने साइज की है? काम पूरा होने पर हर निकाय का अपना अलग इ-रजिस्टर होगा, जिससे आसानी से टैक्स की स्थिति देखी जा सकेगी.
जीआइएस मैपिंग और प्रापर्टी सर्वे का यह काम तीन चरणों में पूरा किया जायेगा. पहले चरण में शहरी निकाय का विस्तृत जीआइएस आधारित नक्शा तैयार होगा. फिर दूसरे चरण में प्रोपर्टी सर्वे का काम होगा. इसके बाद तीसरे चरण में जीआइएस एप्लीकेशन विकसित कर नक्शेसे प्रॉपर्टी डाटा को अटैच कर दिया जायेगा.
जीआइएस मैपिंग से शहर के सभी प्लाट और मकानों की वास्तविक स्थिति और उस पर लगाने वाले कर की जानकारी हो सकेगी. कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति को लेकर टैक्स देने में फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेगा. इससे निकायों की आमदनी बढ़ेगी और लोग सही कर राजस्व का भुगतान कर सकेंगे.
नगर विकास विभाग ने इसके लिए फार्मूला तय कर दिया है. सभी 99 शहरों को 20 ग्रुपों में बाट कर योजना शुरू की जायेगी. पटना, दानापुर, खगौल, फुलवारीशरीफ, मनेर, बिहारशरीफ, राजगीर सहित 49 शहरों का सर्वे 12 ग्रुप में बांट कर होगा. वहीं, पुनपुन, बिहटा, संपतचक, धमदाहा, मीरगंज, फुलपरास, बेनीपट्टी सहित 42 शहरों का सर्वे आठ ग्रुप में बांट कर होगा.