गोपालगंज. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रदेश सचिव व गोपालगंज विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया की हत्या में फरार फरार साजिशकर्ता और चौराव पंचायत के मुखिया परवेज आलम उर्फ छोटे, उसके भाई महताब आलम उर्फ लाल बाबू और भतीजे आरिफ उर्फ सोना को सात महीने में गिरफ्तार नहीं कर सकी. फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने पर नगर थाने की पुलिस ने कुर्की जब्ती की कार्रवाई शुरू की है. पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मुखिया के भाई और नामजद अभियुक्त महताब आलम उर्फ लाल बाबू के घर पर डुगडुगी बजाकर कुर्की के लिए इश्तेहार चिपकाया है. पुलिस का कहना है कि निर्धारित समय सीमा के अंदर सरेंडर नहीं किये जाने पर पुलिस आलीशान मकान को कुर्क करेगी. नगर इंस्पेक्टर ओमप्रकाश चौहान के नेतृत्व में पुलिस टीम ने कार्रवाई शुरू की है. उधर, मृतक के बेटे और एआइएमआइएम के प्रदेश सचिव सह सारण प्रभारी अनस सलाम ने पुलिस की सुस्ती पर सवाल उठाया. अनस सलाम ने कहा कि जेल भेजे गये अन्य अभियुक्तों के स्वीकारोक्ति बयान में मुखिया, उनके भाई व भतीजा का नाम आया, बावजूद पुलिस ने गिरफ्तारी या कुर्की की कार्रवाई अब तक नहीं की है. नगर थाना क्षेत्र के तुरकहा में बीते 12 फरवरी 2024 की शाम बाइक सवार अपराधियों ने एआइएमआइएम के प्रदेश सचिव अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी थी. तकिया याकूब निवासी मृतक के बेटे अनस सलाम के बयान पर सात नामजद और अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. अब भी तीन नामजद अभियुक्त फरार हैं.
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