गोपालगंज. गंडक नदी से हीरापाकड़ के पास से निकलनेवाली छाड़ी नदी फिर से गंगा से मिलेगी. सरकार की ओर से नदी की सफाई का कार्य तेजी से कराया जा रहा है. हीरापाकड़ बांध के पास पुल बनने के बाद अगले वर्ष से छाड़ी नदी चालू हो जायेगी. बुधवार को उक्त बातें सांसद सह जदयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सुमन ने छाड़ी नदी की सफाई कार्य का निरीक्षण करने के दौरान कहीं. सांसद ने कहा कि छाड़ी नदी का अस्तित्व काफी पुराना है. सदर प्रखंड के हीरापाकड़ से निकलकर छाड़ी नदी सारण के हासिलपुर में गंगा में मिलती है. नदी को पुनर्जीवित करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर मांग उठायी. सरकार ने सांसद की पहल पर नदी की सफाई के लिए कैबिनेट से मंजूरी दी और 69.89 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की. सांसद ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार के साथ मीरअलीपुर समेत कई जगहों का निरीक्षण किया. मौके पर जेइ मनोज कुमार, सहायक अभियंता नेहा रानी, जदयू के प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार पटेल, जिला उपाध्यक्ष योगेंद्र राम, किसान प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष राम आशीष सिंह, अमरेंद्र बारी, बुलेट सिंह, धर्मराज सिंह, हरेराम सिंह आदि मौजूद रहे. गंडक नदी वर्ष 2003 में ओवरफ्लो हुई थी. तब छाड़ी नदी का मुहाना खोलकर पानी का निकास कराया जा रहा था. गंडक के तेज बहाव के कारण शहर में छाड़ी नदी का पानी प्रवेश करने लगा. लोगों के दबाव के कारण स्लुइस गेट बंद करने के लिए प्रशासन को मजबूर होना पड़ा. स्लुइस गेट बंद होने के बाद गंडक का दबाव सारण बांध पर पड़ा और देवापुर में बांध टूटने से बाढ़ की तबाही मची थी. तभी से यह स्लुइस गेट बंद है. अब यहां एक नया पुल का निर्माण भी कराया जा रहा है.
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