गोपालगंज. नियाेजित शिक्षकों ने राज्यकर्मी की दर्ज पाने के लिए सक्षमता परीक्षा दी. पास भी हुए, लेकिन जब काउंसेलिंग की बारी आयी, तो असमंजस में पड़ गये. काउंसेलिंग के बाद से उन्हें सेवा निरंतरता नहीं मिलेगी, यह जानकर कई शिक्षकों ने काउंसेलिंग छोड़ दी है. बीत चार दिनों में 42 शिक्षक टाइम स्लाॅट का मैसेज आने के बाद भी वेरिफिकेशन के लिए नहीं पहुंचे. सेवा निरंतरता की मांग को लेकर कई शिक्षक संगठनों ने हाइकोर्ट में याचिका भी दायर की है. इसलिए शिक्षक यह भी आस लगाये हैं कि कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आयेगा और उन्हें प्रमोशन मिल जायेगा, जिससे उनके वेतन में बढ़ाेतरी होगी. वहीं सेवा निरंतरता नहीं होने पर नियोजित शिक्षकों का वेतन पूर्व की अपेक्षा कम हो जायेगा. हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ अभ्यर्थियों को अपना जिला अलॉट नहीं हुआ है, इसलिए काउंसेलिंग नहीं करा कर दूसरी सक्षमता परीक्षा की तैयारी में लगे हैं. दूसरी संभावना यह भी बनती है कि अभ्यर्थी के प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी हो, इसलिए वेरिफिकेशन के लिए नहीं आ रहे हों. लेकिन डीआरसीसी में काउंसेलिंग के लिए पहुंचे शिक्षक अभ्यर्थियों ने बताया कि ऐसे मामले नहीं के बराबर होंगे. क्याेंकि लगभग 97 प्रतिशत शिक्षकों को अपना जिला अलॉट हुआ है. वहीं जिनके प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी होगी, वैसे शिक्षक सक्षमता परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए होंगे. बता दें कि बीते एक अगस्त से सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच शुरू है. सदर प्रखंड के बसडीला स्थित डीआरसीसी में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है. काउंसेलिंग के लिए पहुंचे अभ्यर्थी पहले ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. इसके बाद उनका बायोमीट्रिक तथा आधार का सत्यापन किया जा रहा है. इसके बाद प्रमाणपत्रों की जांंच की जा रही है. प्रमाणपत्रों की जांच के लिए सात अलग- अलग काउंटर बनाये गये हैं, जहां शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मी तैनात हैं. एक अगस्त से प्लस टू स्कूल तथा पुस्तकालयाध्यक्ष के अभ्यर्थियों की काउंसेलिंग शुरू हुई. दो अगस्त से हाइस्कूल, तीन अगस्त से स्नातक कोटि के सभी विषय के शिक्षक तथा पांच अगस्त से मूल कोटि के उर्दू, बांग्ला या शारीरिक शिक्षकों की काउंसेलिंग शुरू हुई. आज से मूल कोटि के सामान्य शिक्षकों की काउंसेलिंग शुरू हो जायेगी.
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