गोपालगंज. केंद्र व राज्य सरकारें आरक्षण को समाप्त कर दलित पिछड़े व अल्पसंख्यक के साथ हकमारी की साजिश रच रही हैं. इसे राजद किसी भी कीमत पर सफल नही होने देगा. उक्त बातें अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष रेयाजुल हक राजू ने गुरुवार को शहर के आंबेडकर चौक पर राजद द्वारा आयोजित एक दिवसीय धरना को संबोधित करते हुए कहीं. श्री राजू ने बिहार की नीतीश सरकार को आरएसएस का कठपुतली करार देते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार द्वारा जातीय सर्वेक्षण के बाद आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 65 प्रतिशत कर दिया गया था पर बिहार की नीतीश सरकार द्वारा भाजपा के इशारे पर कोर्ट में सही तरीके से अपना पक्ष नही रखने के कारण कोर्ट द्वारा उसपर रोक लगा दी गयी है. इसके खिलाफ राजद ने ऊपरी अदालत में अपील भी दायर कर रखी है. उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश में 65 प्रतिशत आरक्षण की सीमा लागू नही हो जाती, राजद का सड़क से सदन तक आंदोलन जारी रहेगा.
राज्य सरकार ने मामले को नहीं लिया गंभीरता से
राजद नेता व पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि वे पर्दे के पीछे से केंद्र सरकार के दलित व अतिपिछड़ा विरोधी एजेंडे को लागू करना चाह रहे हैं, जो कभी पूरा नही होगा. राजद के प्रधान महासचिव इम्तेयाज़ अली भुट्टो व पार्टी उपाध्यक्ष सुनील कुमार बारी ने कहा कि महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री रहते हुए तेजस्वी यादव ने 500 करोड़ रुपये खर्च कर जातीय सर्वेक्षण करा कर आबादी के अनुपात में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ा कर 65 प्रतिशत कर दिया था, परंतु मामला जब अदालत में चल रहा था, तो राज्य सरकार से इसे गंभीरता से नही लिया. इस कारण उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी. नीतीश कुमार यदि केंद्र सरकार पर दबाव बना कर इसे 9वीं अनुसूचि में शामिल कर दिया होता, तो ऐसी नौबत ही नही आती. इन नेताओं ने कहा कि भाजपा शुरू से ही जातीय जनगणना के खिलाफ रही है. तेजस्वी यादव के प्रयास से बिहार में जातीय जनगणना को अंजाम तक पहुचाया गया. अब इस जनगणना को पूरे देश में कराये बिना पिछड़े समाज को उसका हक और अधिकार नही मिल सकता. धरना की अध्यक्षता राजद के प्रधान महासचिव इम्तेयाज़ अली भुट्टो ने की. संचालन जिला उपाध्यक्ष सुनील कुमार बारी ने किया.
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