गोपालगंज. राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन की फर्जी जमाबंदी के मामले में रोज नये खुलासे हो रहे हैं. नगर परिषद क्षेत्र के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी की संलिप्तता सामने आयी है. सीओ गुलाम सरवर ने रेकाॅर्ड खंगालने के बाद पाया है कि जमाबंदी के डिजिटल होने के बाद यानी नवंबर- 2023 से जनवरी के बीच रजिस्टर टू में पन्ना को कूट रचित तरीके से जोड़ा गया है. इसमें तत्कालीन कर्मचारी मो शाहिद हुसैन की भूमिका संदिग्ध पायी गयी है. डीएम को पूरे मामले में रिपोर्ट भेज कर सीओ ने प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी है. चौंकाने वाला सच यह भी सामने आये हैं कि पूरी प्लानिंग के तहत अजय दुबे नवंबर से जुलाई तक बार-बार नगर परिषद को ही आवेदन देता रहा, लेकिन नगर परिषद रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज नहीं कर सका. जानकार सूत्रों ने बताया कि सदर अंचल में जमाबंदी पंजी का डिजिटल स्कैनिंग कार्य भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय, बिहार, पटना के द्वारा नवंबर 2023 के पूर्व कर लिया गया था. जमाबंदी पंजी-2 की डिजिटल स्कैनिंग कॉपी निकालने पर राजेंद्र नगर बस स्टैंड थाना नं- 76, खाता नं-59, खेसरा नं-571, रकवा-0-0-21¼ धूर, जमाबंदी संख्या-792 पर जमाबंदीदार अंकित है. डिजिटल में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है. उसके बाद भू- माफियाओ ने अपना खेल किया. जनवरी में ही तत्कालीन कर्मचारियों ने दी थी भूमि-माफियाओं के पक्ष में रिपोर्ट कुचायकोट थाना क्षेत्र के सासामुसा के रहने वाले चंद्रमा दुबे के पुत्र अजय दुबे ने जनवरी में ही नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को आवेदन देकर पूरे प्लान के तहत बस स्टैंड की जमीन पर अवैध कब्जा होने की बात कही थी. उस पर नगर परिषद के द्वारा निर्गत पत्र सं0-486, दिनांक-29.01.2024 के द्वारा अंचल अधिकारी सदर से संबंधित भूमि के स्वत्व / मालिक से संबंधित जांच प्रतिवेदन की मांग की गयी थी. इसके आलोक में तत्कालीन अंचल अधिकारी के कार्यालय के पत्रांक-394, दिनांक-30.01.2024 के द्वारा नगर परिषद के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी मो शाहिद हुसैन को जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था. नगर परिषद के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी मो शाहिद हुसैन के द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से जमाबंदीदार के रूप में अजय दूबे, पिता-चंद्रमा दूबे, जमाबंदी सं0-792, खाता नं0-57, 65, 178 एवं 179, खेसरा नं0-106, 162. 161. 157 एवं 121, कुल रकवा-1-14-9 धूर भूमि की जमाबंदी केस नं0-360/1980-81 के माध्यम से अजय दूबे को जमाबंदीदार के रूप में प्रतिवेदित किया गया. जानकार सूत्र बताते हैं कि जमाबंदी पंजी-2 की डिजिटल स्कैनिंग समाप्त होने के बाद दिसंबर 2023 से फरवरी 2024 के बीच जमाबंदी पंजी-2 के मूल प्रति को फाड़ कर कूट रचित जमाबंदी पृष्ठ, जो कि अजय दूबे के नाम से दर्ज करते हुए जमाबंदी पंजी-2 में जोड़ दिया गया है. वर्तमान में फुलवरिया में तैनात राजस्व कर्मचारी मो शाहिद हुसैन, जो कि दिसंबर 2022 से लेकर अप्रैल 2024 तक लगभग 15-16 महीना तक नगर परिषद हल्का के राजस्व कर्मचारी के प्रभार में रहे हैं. ऐसी स्थिति में इस जमाबंदी पंजी-2 में फर्जीवाडे की सारी जवाबदेही मो शाहिद हुसैन की थी. सीओ ने डीएम को रिपोर्ट भेजते हुए कहा है कि मो शाहिद हुसैन, तत्कालीन राजस्व कर्मचारी पर जमाबंदी पंजी-2 में कूट रचना आधारित फर्जीवाड़ा करने के आरोप में आपराधिक मुकदमा दर्ज करना जरूरी है. वहीं, फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद सीओ ने आनन-फानन में फर्जी रूप से की गयी जमाबंदी को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की अनुशंसा अपर समाहर्ता से की है.
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