गोपालगंज. शहर के राजेंद्र बस स्टैंड की जमीन की फर्जी जमाबंदी के मामले की समीक्षा पुलिस कप्तान अवधेश दीक्षित ने की. कांड में अब तक किये गये अनुसंधान, पर्यवेक्षण को समझा. हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक दस्तावेज की मूल कॉपी नहीं मिल पाने को गंभीरता से लिया. कांड में कोर्ट ने वारंट जारी किया व आरोपित सीओ गुलाम सरवर, सीआइ जटाशंकर प्रसाद, बर्खास्त राजस्व कर्मचारी दिनेश मिश्र की अग्रिम जमानत याचिका को रद्द कर दिया है. ऐसे में गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी करें. नहीं मिल पाने की स्थिति में कुर्की जब्ती का वारंट लें और संपत्ति को कुर्क करें. साथ ही इस कांड में जमीन के अबतक मिले कागजात की फोरेंसिक जांच करायी जाये, जिससे स्टैंड की जमीन के फर्जीवाड़े का सच सामने आ सके. आरोपितों की गिरफ्तारी पर पुलिस फोकस करे. ध्यान रहे कि राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन की जमाबंदी भू-माफियाओं के नाम पर दर्ज किये जाने में तत्कालीन डीएम के आदेश पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुलधर दुबे ने नगर थाने में 18 सितंबर को सीओ, राजस्व कर्मचारी, सीआइ व भू-माफिया सासामुसा के चंद्रमा दुबे के पुत्र अजय दुबे के खिलाफ नगर थाना कांड सं-673/24 दर्ज कराया था. पुलिस अब पूरे मामले की जांच अपने स्तर से कर रही है. कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत अर्जी राजेंद्र नगर बस स्टैंड की जमीन के फर्जीवाड़े में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-16 शेफाली नारायण के कोर्ट में सीओ, सीआइ, राजस्व कर्मचारी के अग्रिम जमानत पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने तीनों को जमानत को देने से इंकार कर दिया. अग्रिम जमानत याचिका के रद्द होने के बाद आरोपितों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता शैलेंद्र तिवारी, अब्बू शमीम, अली असगर व विरोध करते हुए नगर परिषद की ओर से अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी व अभियोजन की ओर से एपीपी हरेंद्र सिंह ने कोर्ट को समक्ष केस जमाबंदी करने में फ्रॉड का पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध कराया. वहीं दूसरी ओर बस स्टैंड की जमीन में फर्जीवाड़ा मामले को कांड के आइओ मंटू रजक ने एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार के पास जाकर समझा. एसडीओ ने अपनी रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि किस प्रकार रेकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर जमाबंदी की गयी.
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