गोपालगंज. नगर परिषद के भीतर भी भू-माफियाओं की तगड़ी सेटिंग का खुलासा हुआ है. राजेंद्र बस स्टैंड के अरबों की जमीन पर वर्ष 2019 से ही फ्रॉड का खेल तेज हो गया था. अपने प्रभाव से जमीन को कब्जाने की कोशिश भी तेज हो गयी थी. नगर परिषद की इंटरनल जांच में रोज नये खुलासे हो रहे है. नगर परिषद के जिस जमीन को खतियान एवं पंजी-2 के आधार पर जमाबंदी दाखिल-खारिज घटाकर निलंबित सीओ गुलाम सरवर के द्वारा दो सितंबर 2024 की सुबह 10:44 बजे भू-माफिया अजय दुबे के नाम पर जमाबंदी परिमार्जन के तहत किया गया. तीन सितंबर को 1985 से 2025 तक की रेंट रसीद भी काट दी. उसी जमीन को वर्ष 2019 में तत्कालीन सीओ विजय सिंह के द्वारा कृपा राय के पुत्र विजय राय के नाम पर जमाबंदी की गयी थी. 26 व 30 नवंबर 2019 को जमाबंदी की गयी थी. उसी जमीन को 11 नवंबर 1980 को सासामुसा के रहने वाले चंद्रमा दुबे के पुत्र अजय दुबे के नाम पर मंगल राय पिता जंगी राय के द्वारा रजिस्ट्री बता कर दो सितंबर 2024 को निलंबित सीओ के द्वारा जमाबंदी परिमार्जन करा लिया गया. अब यह सभी दस्तावेज नगर परिषद के पास मौजूद है. अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा ने बताया कि अभी दस्तावेजों की जांच हो रही है. जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. जांच पूरा होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. मालूम हो कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -16 शेफाली नारायण के कोर्ट में मंगलवार को निलंबित सीओ गुलाम सरवर, सीआइ जटाशंकर प्रसाद व बर्खाश्त राजस्व कर्मचारी दिनेश मिश्र के अग्रिम जमानत पर सुनवाई होना है. कोर्ट की सुनवाई पर जिले के लोगों की नजर टिकी हुई है. राजेंद्र बस स्टैंड की जमीन बचाओ संघर्ष समिति का हुआ गठन राजेंद्र बस स्टैंड की जमीन बचाओ संघर्ष समिति का गठन सोमवार को हो गया. नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन रहे चंद्र भूषण सिंह के नेतृत्व में कमेटी का गठन हुआ. इसमें शहर के प्रबुद्ध लोगों को शामिल किया गया है. कमेटी ने राजेंद्र बस स्टैंड की जमीन को भू-माफियाओं से बचाने के लिए संघर्ष सड़क से लेकर सदन तक करने का ऐलान किया है. गड़बड़ करने वाले अब बेनकाब होंगे. आरोप है कि शहर में सक्रिय भू-माफियाओं के द्वारा अंचल के अधिकारियों के सेटिंग कर सरकारी व शहर के कमजोर गरीब लोगों के जमीन को अपने नाम फर्जी कागजात बनाकर जमाबंदी करा कर उसपर कब्जा करने का खेल चल रहा है. ऐसे खेल को बेनकाब करने का निर्णय कमेटी ने लिया है. कमेटी प्रशासन के अधिकारियों से लेकर कोर्ट तक अपने पक्ष को मजबूती से रखेगी, जिससे शहर के आम लोगों का हित सुरक्षित रह सके.
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