गोपालगंज. लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर इस बार फल मंडी में विशेष तैयारियां की गयी हैं. इस पर्व में फलों का अहम योगदान होता है, जो व्रतियों द्वारा भगवान सूर्य और छठी मैया को अर्पित किये जाते हैं. हाजीपुरिया केला, कश्मीरी सेब, बंगाल का नारियल और असम का अनानास जैसे फलों की मांग इस बार काफी बढ़ गयी है. स्थानीय फल मंडी में पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक मात्रा में फलों को मंगाया गया है. मंडी के अध्यक्ष सहमद हुसैन ने बताया कि इस बार शिमला से सेब भी मंगाये गये हैं, जिससे व्रतियों को विभिन्न प्रकार के ताजे फल उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा, पिछली बार फलों की मांग में कमी आयी थी, लेकिन इस बार फल की कमी नहीं होने दी जायेगी. छठ पूजा के दौरान नहाय-खाय के दिन से लेकर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के दिन तक फलों की बिक्री होती है. इस अवसर पर व्रतियों के लिए फलों की विशेष व्यवस्था की गयी है ताकि वे अपने व्रत को श्रद्धा और भक्ति के साथ पूरा कर सकें. इस बार मंडी में स्टॉक को बढ़ाने का मुख्य कारण यह है कि पिछले साल की तुलना में इस बार फल खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. मंडी में फलों की कीमतें भी स्थिर बनी हुई हैं, जो व्रतियों के लिए राहत की बात है. पिछले वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी फल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. इससे यह भी साफ है कि इस बार व्रतियों को फलों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. गोपालगंज के विभिन्न हिस्सों में छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं. स्थानीय लोग अपनी-अपनी पूजा की सूचपा व दउरा के लिए फल खरीदने में व्यस्त हैं. बाजार में रौनक बढ़ गयी है, और हर ओर पूजा की तैयारियों की चर्चा हो रही है. मंडी में फलों की विविधता ने पूजा की खुशी को और बढ़ा दिया है. इस बार विशेष रूप से कश्मीरी सेब की मांग भी बढ़ी है. कश्मीर के बागानों से ताजे सेब यहां लाये जा रहे हैं, जो व्रतियों की पसंदीदा फल में से एक हैं. इसके साथ ही, हाजीपुरिया केला और असम का अनानास भी इस पर्व में विशेष स्थान रखता है. छठ पूजा के प्रति स्थानीय लोगों की आस्था और विश्वास देखकर साफ पता चलता है कि यह पर्व केवल धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि समाज में एकता और सहयोग की भावना को भी बढ़ाता है. व्रतियों के लिए फल मंडी की यह व्यवस्था निश्चित रूप से इस महापर्व को और भी खास बनाने में मददगार साबित हो रही है.
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