गोपालगंज/पंचदेवरी. किताबों से लगाव रखने वाले लोग भी लाइब्रेरी तक नहीं पहुंच पाते हैं. कारण यह है कि फिलहाल हर जगह ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र में यह समस्या सबसे अधिक है. लेकिन, सरकार द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए शानदार पहल शुरू की गयी है. अब हर पंचायत में आम जनता के लिए लाइब्रेरी खुलेगी. एक-एक व्यक्ति तक किताबें पहुंचेंगी. पंचायत सचिवालयों को ज्ञान केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा. पंचायती राज विभाग के मुख्य सचिव ने इसके लिए पत्र भी जारी कर दिया है. विभाग द्वारा जारी किये गये पत्र में यह बताया गया है कि षष्टम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक लाइब्रेरी खोलने का प्रावधान है. 15वें वित्त आयोग से ग्राम पंचायतों द्वारा यूनाइटेड निधि से पंचायत भवनों या पंचायत सरकार भवनों में इसका निर्माण कराया जायेगा. इसके लिए विधिवत गाइडलाइन भी विभाग द्वारा जारी कर दी गयी है. विभाग के निर्देशानुसार भवन की अनुपलब्धता की स्थिति में किसी भवन मालिक से एकरारनामा कर उसमें लाइब्रेरी खोली जायेगी. विभाग द्वारा जारी किये गये पत्र में लाइब्रेरी के संचालन के लिए पुस्तकों के क्रय से संबंधित निर्देश भी दिये गये हैं. इसके अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में किताबों के लिए लगभग दो लाख की राशि एक वर्ष में खर्च की जा सकती है. साथ ही अखबार, महिला सशक्तीकरण, बाल विकास एवं ग्रामीण विकास से संबंधित मासिक पत्रिका तथा लाइब्रेरी के लिए उपयोगी पत्र-पत्रिकाओं पर पांच हजार रुपये तक एक वर्ष में व्यय किये जा सकते हैं. फिजिकल-डिजिटल मोड में होगी लाइब्रेरी पंचायत स्तर पर खुलने वाली लाइब्रेरी फिजिकल-डिजिटल मोड में होगी. इसमें कम से कम दो कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर आदि उपलब्ध रहेंगे. लाइब्रेरी में डिजिटल लर्निंग प्रशाखा, बाल साहित्य एवं साहित्य प्रशाखा, समाचार पत्र एवं पुस्तकों से संबंधित प्रशाखा तथा प्रतियोगिता परीक्षा एवं स्वाध्याय से संबंधित प्रशाखा होगी. लाइब्रेरी को समृद्ध करने के लिए दान में भी किताबें ली जायेंगी. लाइब्रेरी की सदस्यता निःशुल्क होगी. लाइब्रेरी के सदस्य सौ रुपये की प्रतिभूति पर अधिकतम 15 दिनों के लिए तीन किताबें एक बार में अध्ययन के लिए ले जा सकेंगे. ग्राम कचहरी के सचिव लाइब्रेरी के प्रभारी होंगे. संबंधित प्रविष्टि सचिव द्वारा प्रतिदिन रजिस्टर में दर्ज की जायेगी. लाइब्रेरी में बिहार के प्रसिद्ध लेखकों की होंगी 50 प्रतिशत पुस्तकें लाइब्रेरी के लिए पंचायती राज विभाग ने अनुशंसित पुस्तकों व लेखकों की सूची भी जारी कर दी है. विभाग के निर्देशानुसार लाइब्रेरी में 50 प्रतिशत पुस्तकें बिहार के प्रसिद्ध लेखकों की होंगी तथा 40 प्रतिशत पुस्तकें देश के अन्य लेखकों की होंगी. 10 प्रतिशत पुस्तकें अन्य भाषाओं के लेखकों की होंगी. लाइब्रेरी में साहित्य के पुस्तकों की प्रधानता होगी. विभाग द्वारा साहित्य के किताबों पर ही सबसे अधिक राशि खर्च करने का निर्देश दिया गया है. विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं से संबंधित किताबें भी विभाग द्वारा लाइब्रेरी में समय पर उपलब्ध करायी जायेंगी. ……………………………………….. बोले अधिकारी विभाग के निर्देशानुसार सभी संबंधित स्थानीय पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को इसकी सूचना दे दी गयी है. हर पंचायत में लाइब्रेरी से संबंधित कार्यवाही भी शीघ्र शुरू हो जायेगी. हर गांव के लोग सरकार की इस पहल से लाभान्वित होंगे. फोटो- 110- राहुल रंजन, बीडीओ, पंचदेवरी
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