गोपालगंज. नेपाल में शुक्रवार को हुए बारिश के बाद गंडक नदी का डिस्चार्ज भी बढ़ने लगा. वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज सुबह 99 हजार क्यूसेक, तो शाम को 1.63 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया. नदी के घटते-बढ़ते जल स्तर को देखते हुए कटाव का खतरा बढ़ गया है. तटबंधों पर पानी के कम होते ही कटाव को रोकने के लिए जलसंसाधन विभाग के अभियंता हाइअलर्ट मोड में आ गये हैं. बांध पर निगरानी को बढ़ा दिया गया है. वहीं निचले इलाके में भी खेतों में कटाव का खतरा कम नहीं है. किसानों की चिंता बढ़ी हुई है. जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों को हाइअलर्ट मोड में संवेदकों के साथ मुस्तैद रहने का आदेश दिया गया. उधर, मुख्य अभियंता संजय कुमार, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार निगरानी में थे. बांध को सुरक्षित रखना विभाग की चुनौती है. पानी के घटते-बढ़ते रहने से बचाव कार्यों के भी नदी में समा जाने का खतरा बना है. विभाग ने तटबंधों को पूरी तरह से सुरक्षित होने का दावा किया है. गंगा नदी में भी उफान होने के कारण गंडक नदी का पानी स्टोर होने लगा है. बैकुंठपुर के निचले इलाके से पिछले चार दिनों से नदी के बहाव के स्पीड में कमी आयी है. इससे तटबंधों पर निगरानी को बढ़ाया गया है. बाढ़ का पानी घरों से निकल चुका है. लेकिन गांवों में तबाही का मंजर साफ दिख रहा है. गांवों को जोड़ने वाली सभी सड़कों से नदी का पानी खत्म होने से राहत है. सड़कों पर अभी वाहनों का परिचालन नहीं हो पा रहा. सदर प्रखंड के कटघटरवां, हीरापाकड़, मेहंदियां, रामपुर टेंगराही, बरइपट्टी, पतहरा, सेमराही, निरंजना, धूप सागर, धर्मपुर, भगवानपुर, रामनगर, मकसुदपुर, कुचायकोट में सिपाया टोला वार्ड नं 7, भसही, मांझा प्रखंड के निमुइया,माघी, मगुरहां, भैंसही एवं पुरैना सिधवलिया के बंजरिया समेत जिले के 43 गांवों से पानी के कम होने से नाव से भी आना-जाना कष्टदायक हो गया है. साइकिल से लोग जरूरी सामान खरीदकर घर जा रहे हैं. घरों में राशन व सब्जियों की भी दिक्कत होने लगी है. खाने-पीने की दिक्कत होने से लोग परेशान हैं.
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