सिधवलिया. सिधवलिया थाने की महिला सब इंस्पेक्टर सतिभा कुमारी और उनके निजी कार ड्राइवर मंजय कुमार की मौत ने सभी को झकझोर दिया है. एक तरफ हादसे में जाबांज पुलिस अधिकारी को खोने का गम है, तो दूसरी तरफ एनएच-27 पर हादसा कैसे हुआ, सात घंटे तक पुलिस की कार सीमेंट की बोरियों से क्यों दबी रही, लोगों के जेहन में सवाल उठने लगा है. सतिभा अपने निजी ड्राइवर को लेकर कोर्ट में गवाही देने के लिए थाने से निकली थी. सिविल कोर्ट डे चल रहा था, इसलिए समय 10:30 बजे के आसपास हो रहा था. ट्रक भी पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) की ओर से सीमेंट की बोरियों को लेकर हिचकोले खाते हुए एनएच-27 पर रफ्तार में जा रहा था. कार सवार ने भी ट्रक से साइड लिया और आगे बढ़ा, तब तक ट्रक पलट गया. सीमेंट की बोरियां कार पर गिरी और कार पूरी तरह से दब गयी. वहीं, ट्रक चालक ने कूदकर अपनी जान बचा ली. कुछ ही देर में थाने पर जाकर इसकी सूचना, लेकिन पुलिस पदाधिकारी घटनास्थल पर चौकीदार को भेजकर दूसरे काम में लग गये. ट्रक चालक को भी सीमेंट की बोरियों से कार दबने की जानकारी नहीं थी. उसने पुलिस की मदद से एनएच-27 पर गिरे ट्रक को उठवाने और परिचालन शुरू कराने की गुहार लगायी. इधर, कार में सीमेंट की बाेरियों से दबीं सब इंस्पेक्टर सतिभा कुमारी और चालक मंजय कुमार दम तोड़ चुके थे. उधर, सिविल कोर्ट में पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज एक केस में महिला सब इंस्पेक्टर को पुकारा जा रहा था, लेकिन उपस्थित नहीं हो सकी. कोर्ट को क्या पता कि जिनकी गवाही होनी है, उनकी जान हादसे में जा चुकी है. शाम होने तक थाना में सूचित किया गया, लेकिन थाने के पुलिस पदाधिकारियों ने भी कोर्ट में सतिभा की अनुपस्थिति पर खोजबीन नहीं की. रात होने पर जब दूसरा ट्रक पहुंचा और सीमेंट की बोरिया लोड होने लगी, तो उसके अंदर दबी हुई कार मिली. कार के अंदर वर्दी में महिला सब इंस्पेक्टर सतिभा कुमारी और उनके निजी ड्राइवर का शव मिला.
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