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सरकार कर रही एक और झटका देने की तैयारी, कम की जा सकती हैं इंप्लाइज प्रोविडेंट फंड की ब्याज दर

एलपीजी सिलिंडर, पेट्रोल और डीजल के साथ भाड़े में बढ़ोतरी के बाद लोगों को एक और झटका देने की तैयारी है.

पटना. एलपीजी सिलिंडर, पेट्रोल और डीजल के साथ भाड़े में बढ़ोतरी के बाद लोगों को एक और झटका देने की तैयारी है. वित्त वर्ष 2020-21 में इंप्लाॅइज प्रोविडेंट फंड (इपीएफ) के ब्याज में एक बार फिर कटौती होने की आशंका है. अगर ऐसा हुआ तो सूबे के 4.50 लाख से अधिक वेतनभोगियों को नुकसान होगा.

इपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना काल में सदस्यों ने काफी बड़ी संख्या में इपीएफ निकासी की है.

इस दौरान अंशदान में भी कमी आयी है. इसके चलते कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) दरों में कटौती का फैसला कर सकता है.

नयी दरों पर फैसला लेने के लिए होगी बैठक

नयी दरों पर फैसला करने के लिए गुरुवार को इपीएफओ सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक श्रीनगर में होनी है. मिली जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2020 में इपीएफओ की आमदनी पर असर पड़ा है.

सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज देने का ऐलान किया था. 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष में दो किस्तों में 8.5 फीसदी ब्याज का भुगतान किया जायेगा. वित्त वर्ष 2020 में इपीएफ पर 8.5 फीसदी का ब्याज मिला, जो कि सात सालों में सबसे कम ब्याज है.

Posted by Ashish Jha

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