बक्सर में मंगलवार को भगवान वामन जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाई गई. इस दौरान शहर में भव्य रथयात्रा भी निकाली गयी. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं एवं भक्तों ने भाग लिया. इस दौरान जेल परिसर स्थित वामन भगवान मंदिर में पूजा-अर्चन के लिए लोगों की अप्रत्याशित भीड़ उमड़ी. पूरे दिन पूजा-अर्चन को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. इसके पूर्व ठोरा व मां गंगा के संगम स्थल त्रिमुहानी घाट पर श्रद्धालुओं ने मां गंगा में स्नान किया. त्रिमुहानी पर स्नान करने के लिए न केवल जिले से बल्कि अन्य जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु काफी संख्या में पहुंचे. जिसके कारण शहर की सभी सड़कों पर हर तरफ वाहनों की भीड़ देखि गई. पूरे दिन नगर की ट्रैफिक व्यवस्था पर इसका प्रभाव देखा गया. भीड़ के कारण मंदिर परिसर भी काफी छोटा पड़ गया था. वहीं बक्सर – चौसा रोड से जेल रोड में भीड़ के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो गया.
श्री रामेश्वर नाथ मंदिर से निकाली गई भव्य रथयात्रा
वहीं शहर में भगवान वामन चेतना मंच के तत्वावधान में मंगलवार को वामन द्वादशी के अवसर पर भगवान वामन जयंती महोत्सव समारोह धूमधाम से मनायी गयी. इस दौरान शहर में भव्य रथयात्रा भी निकाली गयी. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं एवं भक्तों ने भाग लिया. रथ यात्रा की शुरुआत रामरेखा घाट स्थित श्री रामेश्वर नाथ मंदिर से दर्जनों संतों के वैदिक मंत्रोच्चारण एवं पूजन के साथ की गई. इस दौरान श्रद्धालुओं एवं भक्तों के शंख ध्वनि व जय घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया.
जगह-जगह की गयी रथ यात्रा पर पुष्पों की वर्षा
भगवान श्री वामन की रथ यात्रा श्री रामेश्वर नाथ मंदिर से निकलकर पीपर पाती रोड, यमुना चौक, मुनीम चौक, नगर थाना होते हुए सोमेश्वर स्थान स्थित भगवान वामन धाम पहुंची. इस दौरान शहर में जगह-जगह भगवान वामन के रथ पर श्रद्धालुओं एवं भक्तों ने पुष्प की वर्षा की और आरती उतारी. सुसज्जित रथ पर विराजमान भगवान वामन के दिव्य रूप के दर्शन को लेकर सड़क के दोनों किनारे श्रद्धालुओं एवं भक्तों की भीड़ जुटी रही. भगवान वामन की जय घोष से पूरा वातावरण गुंजायमान मन हो उठा.
रथ खींचने को लेकर श्रद्धालुओं व भक्तों की लगी होड़
वहीं भगवान वामन के रथ को खींचने को लेकर श्रद्धालुओं एवं भक्तों की होड़ लगी रही. रथ यात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली गईं. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश समेत बिहार के विभिन्न जिलों के श्रद्धालु एवं भक्त शामिल हुए .वही सोमेश्वर स्थान स्थित वामन धाम रथ पहुंचने पर आरती उतारी की गई. वही फलाहार महा प्रसाद का वितरण भी किया गया. शहर वासियों ने भगवान वामन के रथ यात्रा में शामिल होकर एवं दिव्य दर्शन पाकर मंगल कामना की.
भगवान वामन से जुड़ी कथा…
इस दौरान संतों ने कहा कि भगवान विष्णु के पांच अवतारों में से एक है वामन अवतार. इस अवतार में भगवान ने असुरी शक्ति के बादशाह महा प्रतापी राजा बलि को छल से पराजित कर उसे शक्तिहीन बना दिया था. भगवान 100वें यज्ञ में मानव के सबसे छोटे रूप में वामन अवतार लेकर बलि के यज्ञ स्थल पर पहुंच गये. वो वस्त्रहीन पांच साल के बच्चे के रूप में अपने हाथ में छाता लेकर एवं खड़ाऊ पहन कर पहुंच गए. बाली ने उनसे आने का प्रयोजन जाना तो उन्होंने स्वयं को पंडित बताया और पूजा करने की बात कही. उन्होंने संकल्प कराया और दक्षिणा के रूप में तीन कदम भूमि की मांग की. जब असुरों के ऋषि शुक्राचार्य को शक हुआ और उन्होंने भगवान की पहचान कर ली तो उन्होंने बलि को आगाह किया. लेकिन शुक्राचार्य के मना करने की बावजूद भी बलि ने उनकी बात नहीं मानी. इसके बाद दो कदम में पूरी सृष्टि को भगवान ने माप लिया और तीसरे कम में राजा बलि को ही माप लिया. इससे दानवीर बलि ने भगवान को सब कुछ न्योछावर कर दिया. पूरे दिन भगवान वामन की पूजन अर्चन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.
बक्सर से मनीष मिश्रा की रिपोर्ट
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