Bihar News: बिहार के हाजीपुर में कार्तिक पूर्णिमा पर गुरुवार की पूरी रात कोनहारा घाट पर तंत्र-मंत्र का खेल हुआ. कार्तिक पूर्णिमा की रात यहां प्रत्येक साल भूतों को भगाने का मेला लगता है. ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा की रात पूजा करने से भूत-प्रेत दूर होते हैं. इसे लेकर दूर-दराज से हजारों-लाखों लोग पहुंचे थे. घाट पर पूरी रात अलग ही नजारा था.
इस मेले में कहीं ओझा के मंत्र पर कुछ महिलाएं झूमती और सिर पटकती नजर आईं तो कहीं ओझा दोनों हाथों पर कपूर जलाकर साधना करते नजर आया. गुरुवार की देर रात कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हाजीपुर में करीब पांच लाख से अधिक लोग गंडक नदी में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे थे.
ऐसा कहा जाता है कि बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए नदी में स्नान करना जरूरी होता है. वहां उपस्थित तांत्रिक और भगत छड़ी से लोगों की पिटाई करते और उनका भूत से छुटकारा दिलाने का दावा करते हैं.
सदियों से चलती आ रही है भूत मेला की परंपरा
बता दें कि, कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है. इस कारण सोनपुर का हरिहर क्षेत्र, कोनहारा, हाजीपुर और अन्य जिलों से हाजीपुर के गंगा नदी घाटों पर भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं. इस दौरान भूत भगाने के नाम पर अंधविश्वास का खेल यहां देखने को मिलता है. स्थानीय लोगों के मुताबिक भूतों को भगाने का ये मेला परंपरा स्वरूप कई सालों से यहां लगता आ रहा है.
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भारी संख्या में पुलिस बल थे तैनात
जानकारी के अनुसार, सुरक्षा की पूरी व्यवस्था का इंतजाम जिला प्रशासन और नगर परिषद हाजीपुर द्वारा किया गया था. कोनहारा घाट पर कंट्रोल रूम बनाए गए थे. जिसमें जिलाधिकारी यशपाल मीणा, पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय समेत कई अधिकारी मौजुद थे. भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थे. किसी प्रकार की घटना, दुर्घटना न हो इसको लेकर ड्रोन से निगरानी की जा रही थी.
एसपी ने क्या कहा?
वैशाली एसपी हरकिशोर राय ने बताया कि, पिछले 10 दिनों से कार्तिक पूर्णिमा को लेकर तैयारियां चल रही थीं. जिसमें ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी आदेश दिए गए थे. वहीं 1000 कॉन्स्टेबल और सैकड़ों अधिकारियों को भी तैनात किया गया था. सीसीटीवी कैमरा, ड्रोन कैमरा से नजर रखी गई थी. भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने पहुंचे थे.