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Hajipur Accident: किसी ने पति खोया, किसी ने घर का चिराग, परिजनों ने बयां किया हादसे का दर्द

वैशाली जिले के हाजीपुर-जंदाहा मार्ग पर स्थित सुल्तानपुर गांव में रविवार रात बड़ा हादसा हो गया. इसमें करीब नौ लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. हादसा इतना भयानक था कि जैसे ही डीजे का ऊपरी हिस्सा तार के संपर्क में आया, चंद सेकंड में ही मौत का मातम फैल गया. इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है, हर तरफ सन्नाटा पसरा है. पेश है इस पूरे हादसे पर परिजनों के दुख भरे दास्तां पर अनिकेत त्रिवेदी और हिमांशु देव की रिपोर्ट...

Hajipur Accident: ये एक दो नहीं पूरे नौ मौत पर गांव में पसरे मातम की कहानी है. वैशाली जिले के हाजीपुर-जंदाहा रोड पर सुल्तानपुर गांव में हाइटेंशन तार की चपटे में आने के बाद डीजे सवार नौ लोगों की मौत के बाद सोमवार की सुबह गांव के दर्जनों घर में सुबह का चुल्हा नहीं जला. हर किसी के चेहरे पर अपनों के खोने का दर्द था. गांव की गलियां सूनी थी. कई घरों से रोने और चिल्लाने की आवाज आ रही थी. इस हादसे में किसी ने अपना पति खोया तो किसी ने घर के इकलौते चिराग को. कोई बिजली के तार को कोस रहा था. किसी को प्रशासन की लापरवाही नजर आ रही थी और किसी की आंख रो-रो का पत्थरा गयी थी.

1. किराना दुकान चलाते थे अमोद

घटना स्थल के महज 100 मीटर दूर मृतक अमोद पासवान के घर से रोने की तेज आवाज आ रही थी. पत्नी कुशुम बार-बार बेहोश हो रही थी. मां का रोक का बुरा हाल था. अमोद किराना दुकान चलाते थे. रविवार को शाम दुकान बंद कर जल चढ़ाने के लिए निकले और उनकी मौत हो गयी. 35 वर्ष के अमोद के घर में कोई पुरुष नहीं है.

2. नवीन को दोस्त बुलाकर ले गये थे

कुछ ही देर पहले मजदूरी के काम से लौटे नवीन पासवान को दोस्त बुलाकर ले गये थे. रो-रो कर बिलख रही पत्नी सविता देवी ने बताया कि अब कमाने वाला कोई नहीं बचा. अब दो बेटी और एक बेटा का पालन पोषण कौन करेगा. उधर, नवीन की मां बार-बार बेटे का नाम लेकर बेहोश हो रही थी. संत्वान देने के लिए गांव की महिलाओं का भीड़ जुटी थी.

3. फिल्म देखकर रखा था राजा का नाम

सुल्तानपुर के ही चाचा राजा पासवान और भतीजा रवि पासवान भी हादसे में मौत के शिकार हो गये थे. राजा की मां और बहन घर के बाहर ही विलाप कर रही थीं. बहन कह रही थी कि फिल्म राजा हिन्दुस्तान देखकर उसके मामा ने उनका नाम रखा था. घर में सबसे सुंदर था. कई वर्ष पहले जब उनकी तबीयत काफी खराब हो गयी थी तब मां ने 10 लाख की जमीन बेंच कर उसका इलाज कराया था. तब वो बच गया था.

4. इकलौता बेटा था रवि

राजा का भतीजा रवि घर का इकलौता चिराग था. वो आठवीं में पढ़ता था. लेकिन बीते कुछ दिनों से जब पिता भगेंद्र पासवान की तबीयत खराब रहने लगी तो रवि भी मजदूरी कर घर चलाने में सहयोग करने लगा था. अब घर में तीन बहनें बची हैं. इसमें दो की शादी हो गयी है. एक की शादी होनी है.

5.पहली बार जा रहा था चंदन

कक्षा छह में पढ़ने वाला चंदन पहली बार हरिहर नाथ मंदिर जल चढ़ाने जा रहा था. उसके पिता चंद्रेश्वर पासवान प्राइवेट नौकरी करते थे. उन्होंने बताया कि मैं रात को खेत में गया था. उनके दोस्त उसको बुलाकर ले गये थे. जब हादसे का शोर मचा तो घर की तरफ आया. मैं हार्ट का मरीज हूं. डर से घटना स्थल पर नहीं गया. लोगों ने आकर बताया कि चंदन की मौत हो गयी है. जबकि उसका भाई चंद्रमोहन घायल है.

6. छह भाई बहनों में सबसे बड़ा था सुमन

सुल्तानपुर के बगल के गांव जडुआ बड़ई टोला का रहने वाला सुमन छह भाई बहनों में सबसे बड़ा था. उसके पिता का पहले ही देहांत हो चुका है. मां ही घर चलाती है. मां को उम्मीद थी कि सुमन जल्द ही घर का बोझ कम करने में उसका सहयोग करने लगेगा. लेकिन अब उसकी मौत के बाद सब कुछ बदल गया. मां को रात 11:30 बजे सूचना मिली थी कि उनका बेटा नहीं रहा.

7. मां और पत्नी दोनों से पैसा लेकर गये थे नवीन

जडुआ बड़ई टोला के नवीन की मौत इस हादसे में हो चुकी है. 30 वर्षीय नवीन मजदूरी करते थे. रोते हुए उनकी पत्नी ने बताया कि वो हरिहर नाथ जल चढ़ाने के लिए मां और उससे दोनों से पैसे लेकर गये थे. हसते हुए नहीं ने कहा था कि मां का दिया हुआ पैसा खर्च करूंगा और तुम्हारा दिया हुआ पैसा बचा लूंगा. लेकिन, उन्हें मौत ले जायेगी. यह नहीं पता था.

8. आठ बजे ही घर से निकले थे आशीष और आशिक

जठुई का गांव के रहने वाले आशिक और आशीष का घर अगल-बगल ही था. दोनों दोस्त थे और दोनों पहली बार जल चढ़ाने जा रहे थे. मिंटू पासवान का बेटा आशिक चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा था. वहीं सनोज भगत का बेटा आशीष दो भाई व एक बहन थी. दोनों घर से आठ बजे खाना खा कर निकले थे. दोनों साथ में पढ़ते थे. 11:30 बजे रात में दोनों के मौत सूचना मिली.

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काल के गाल से बची सोनाक्षी

हादसे का शिकार हुए चंद्रमोहन की बेटी काल के गाल से निकलकर घर आयी. पिता सदर अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं, सोनाक्षी करीब सोमवार की सुबह 10.26 बजे घर लौटी. दरअसल, वह भी अपने पिता के संग जलाभिषेक करने जा रही थी. उसने भगवा रंग का कपड़ा व एक बैग भी पहनी थी. जब गाड़ी में करंट दौड़ गयी तो बच्ची को डीजे संचालक लेकर भाग निकले. जिसके चलते वह काल के गाल से बच निकली. हालांकि, सोनाक्षी के चाचा चंदन की मौके पर ही मौत हो गयी.

रूपेश कुमार ने बतायी आंखो देखी

ग्रामीण रूपेश कुमार ने बताया कि वह घटनास्थल के करीब ही घर के चबूतरे पर बैठे थे. उन्होंने बताया कि करीब 10.20 बजे वाहन सड़क से गुजर रही थी. तभी डीजे की ट्रॉली 11 हजार वोल्ट की तार में फंस गयी. उस दौरान कुछ लोग भाग भी निकले. लेकिन, जो तुरंत बिजली की चपेट में आ गये उनकी मौके पर ही मौत हो गयी. लोग बिजली विभाग में फोन करते रहे लेकिन बिजली नहीं कटी. करीब 30 मिनट तक लोग जलते रहे. कई लोगों के चेहरे तक पहचान में नहीं आ रही थी. ग्रामीण ने बचाने की कोशिश कर ही रहे थे कि जल जमाव के वजह से करीब 10 मीटर तक सड़क में भी करंट आ गयी थी. रूपेश बताते हैं कि लोहे के बिजली का खंभा भी थोड़ झुक गया है और बिजली की तार भी ढ़ीली है.

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डीजे संचालक के घर में लगा रहा ताला

डीजे संचालक के घर से घटना स्थल करीब 100 मीटर पर है. वह किसी तरह रविवार की रात बच निकला. लेकिन, हादसे को करीब से देखने के बाद वह सोमवार को भी अपना घर वापस नहीं आया. उनके घर पर ताले लगे हैं. वहीं, 14 वर्षीय निशांत भी वाहन पर था. वह भी बच निकला. उन्होंने बताया कि वह डीजे के बगल में थे. जैसेे ही बिजली की तार ट्राली में फंसी कि उन्हें जोर का झटका लगा और वह दूर जमीन पर जा गिरे. जिसके चलते वह हादसे का शिकार होने से बच गये.

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