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सीएससी से जुड़ेंगी पैक्स, मिलेंगी 540 प्रकार की सेवाएं

अब पैक्स के कार्यालय में ही गांव के लोगों को कैफे वाली सभी सुविधाएं मिलेंगी. इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारी की जा रही है.

अब पैक्स के कार्यालय में ही गांव के लोगों को कैफे वाली सभी सुविधाएं मिलेंगी. इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारी की जा रही है. सहकारिता विभाग की पहल पर के कार्यों को पारदर्शी बनाने एवं पैक्स के सभी अभिलेखों एवं खाता बही को डिजिटलाइज्ड करने के लिए कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है. साथ ही सभी पैक्स को कॉमन सर्विस सेंटर से जोड़ कर ग्रामीणों को 540 तरह की सेवाएं मुहैया करायी जायेंगी. सहकारिता विभाग के आंकड़े के अनुसार जिले की कुल 278 पैक्स को सीएससी से जोड़ने की कवायद शुरू की जा चुकी है. 180 पैक्स का सीएससी आइडी भी अप्रूव हो चुका है. वहीं फेजवार सभी पैक्स का प्रशिक्षण भी शुरू कराया जा चुका है. पैक्स को डिजिटलाइज्ड करने के लिए सहकारिता विभाग पिछले 17 वर्षों से प्रयास में जुटा है. काफी उलट-फेर के बाद पैक्स को कंप्यूटरीकृत करने की योजना अब धरातल पर साकार होती दिख रही है. इसी कड़ी में पैक्स को सीएससी से जोड़ने का काम भी काफी तेजी से चल रहा है. सीएससी के जिला प्रबंधक गौरव कुमार ने बताया कि जिले में पूर्व से 1800 वीएलइ सक्रिय रूप से कार्यरत है. इसके साथ ही जिले की सभी पंचायतों से चयनित कुल 152 पैक्स को प्रथम फेज में प्रशिक्षण देकर सीएससी के माध्यम से लोगों को दी जाने वाली सुविधाओं को शुरू कराने की दिशा में पहल की जा रही है. लालगंज, वैशाली तथा पटेढ़ी बेलसर प्रखंड की कुल 21 पैक्स को प्रशिक्षण दिया गया है. जल्द ही बाकी बचे पैक्स प्रबंधकों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा. को-ऑपरेटिव बैंक के एमडी अमृताश ओझा ने बताया कि पैक्स को सीएससी से जाेड़ कर आम लोगों को गांव में ही 540 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध करायी जायेंगी, जिनमें मुख्य रूप से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं राशन कार्ड का इ-केवाइसी, आधार अपडेट, पेंशन योजना का लाभ लेने वाले लाभुकों का ऑनलाइन आवेदन, आयुष्मान कार्ड बनाने, कृषि संबंधित जानकारियां, सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए ऑनलाइन आवेदन, पीएम किसान निधि योजनाओं की जानकारी, खाद-बीज के लिए आवेदन समेत अन्य सुविधाएं भी लोगों को मुहैया करायी जायेंगी. जिला सहकारिता पदाधिकारी श्यामानंद ठाकुर ने बताया कि पैक्स को कंप्यूटरीकृत किये जाने के लिए नाबार्ड द्वारा प्रथम फेज में चयनित 152 पैक्स को कंप्यूटर सेट उपलब्ध कराया गया है. बताया गया कि पैक्स को सीएससी से जुड़ने के बाद जहां पैक्स में होने वाली गड़बड़ी को दूर किया जायेगा, आम लोगों की सहभागिता बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आसानी से सरकारी योजनाओं की जानकारी भी समय पर मिलेगी. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को रोजगार से जुड़ने का मौका भी मिलेगा. सीएससी के जिला प्रबंधक ने बताया कि जिले में पहले से 1800 वीएलइ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. हालांकि जिले में कुल 2500 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर को आइडी अप्रूव किये जा चुके हैं, लेकिन सही रूप से काम नहीं करने वाले वीएलइ के आइडी को बंद कर ग्रामीण क्षेत्र में पैक्स के माध्यम से लोगों को सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए विभागीय स्तर पर कार्य किया जा रहा है, ताकि अधिक-से-अधिक लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सके. सीएससी के जिला प्रबंधक ने बताया कि पैक्स के सीएससी से जुड़ने के बाद लोगों को दाखिल-खारिज, रजिस्टर -2 में दर्ज जमाबंदी की जानकारी के लिए प्रखंड या अंचल कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. इससे लोगों को पैसे के साथ समय का भी बचत होगा. इसके लिए राजस्व विभाग ने शुल्क भी तय कर दिया है. बताया गया कि पैक्स पर कॉमन सर्विस सेंटर चालू होने के बाद रैयत अपनी जमीन मापी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. इसके लिए आवेदक को 40 रुपये प्रति आवेदन देने हाेंगे.

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