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HAJIPUR NEWS : बिदुपुर में आधा दर्जन से अधिक गांवों में घुसा पानी, अधिकारियों ने लिया जायजा

HAJIPUR NEWS : बिदुपुर प्रखंड की कई पंचायतों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. जुरावनपुर पंचायत के बिशनपुर सैदअली गांव के वार्ड नंबर नौ से 13 तक तथा चेचर पंचायत के गोखुलपुर गांव का दियारा क्षेत्र गंगा नदी का पानी बढ़ने से पूरी तरह प्रभावित है.

बिदुपुर. बिदुपुर प्रखंड की कई पंचायतों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. जुरावनपुर पंचायत के बिशनपुर सैदअली गांव के वार्ड नंबर नौ से 13 तक तथा चेचर पंचायत के गोखुलपुर गांव का दियारा क्षेत्र गंगा नदी का पानी बढ़ने से पूरी तरह प्रभावित है. वहीं सैदपुर गणेश के दक्षिणी टोला और कंचनपुर पंचायत के कुल पांच वार्डों के लोग बाढ़ की चपेट में हैं. लोगों के घरों में पानी घुसने के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है. बाढ़ के कारण जहां लोगों को परेशानी हो रही है, वहीं पशुओं के लिए चारे की घोर कमी हो गयी है. बिदुपुर में बाढ़ की भयावह स्थिति को लेकर शुक्रवार को बीडीओ कुमार मनीष भारद्वाज, सीओ करिश्मा कुमारी ने जुरावनपुर पंचायत के विशनपुर सैदअली और चेचर के गोकुलपुर पहुंच कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया. निरीक्षण करने पहुंचे पदाधिकारियों से लोगों ने बात कर अपनी समस्या रखी तथा आने जाने के लिए नाव की मांग की.

सरकार की तरफ से दी गयी छह रजिस्टर्ड नाव

बताया गया कि बिदुपुर में सरकार की ओर से एक छोटी नाव दी गयी है, जो नाकाफी है. लोगों ने बताया कि पानी आ जाने से बिजली सप्लाइ बंद है. लोगों को मोबाइल चार्ज करने के लिए चकौसन बाजार जाना पड़ रहा है. इस दौरान बीडीओ ने कहा कि पशु चारा, सामुदायिक किचन आदि के लिए विभाग को रिपोर्ट भेजी जा रही है. जल्द ही राहत कार्य शुरू किया जायेगा. सीओ करिश्मा कुमारी ने बताया कि फिलहाल सरकार की ओर से छह रजिस्टर्ड नाव दी गयी हैं.

राघोपुर में बाढ़ की स्थिति भयावह

राघोपुर.

गंगा नदी का रौद्र रूप देख कर दियारा क्षेत्र के लोग सहमे हुए हैं. लगातार गंगा के जल स्तर में हो रही वृद्धि से प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ते देख दियारावासी सुरक्षित स्थान पर पलायन कर रहे हैं. पिछले कई दिनों से राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में फैले बाढ़ के पानी ने तबाही मचा दी है. फसल चौपट हो गयी, जिसके कारण पशुओं के लिए चारा जुटाना मुश्किल हो गया है. पिछले कई दिनों से बीरपुर, चकसिंगार, शिवनगर समेत आधा दर्जन से अधिक गांवों के 88 ट्रांसफाॅर्मरों की लाइन काट दी गयी है. वहीं बीते गुरुवार की दोपहर से पूरे प्रखंड की लाइट काट दिये जाने के कारण लोगों को मोबाइल चार्ज करने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. बिजली नहीं रहने के कारण विभिन्न कंपनियों के मोबाइल टावर भी बंद हैं, जिसके कारण लोगों को नेटवर्क की भी समस्या झेलनी पड़ रही है. पिछले कई दिनों से राघोपुर प्रखंड के सभी गांवों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है. लोग पशु को लेकर ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं. लोग जान जाेखिम में डाल कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए विवश हैं. प्रखंड के रुस्तमपुर से बीरपुर जाने वाली मुख्य सड़क, फतेहपुर से खालसा घाट एवं जमीनदारी घाट जाने वाली मुख्य सड़क पर पानी भर गया है. बाढ़ की इतनी भयावह स्थिति है कि जुड़ावनपुर थाना परिसर, मेन मार्केट, शिव नगर, बिंदा मार्केट समेत अन्य कई चौक-चौराहों पर पानी भर चुका है. लोगों को खासकर रात में सांप, बिच्छू एवं जहरीले कीड़े-मकोड़े का डर सता रहा है. लोग रतजगा कर रहे हैं.

पंचायतों में नहीं शुरू हुआ सामुदायिक किचन : बाढ़प्रभावित क्षेत्र राघोपुर प्रखंड की लगभग एक दर्जन से अधिक पंचायतों में लोगों के लिए सामुदायिक किचन शुरू नहीं किया गया है. तेरसिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि चयनित वेंडर के द्वारा सामुदायिक किचन संचालित करने के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं करायी गयाी जिसके कारण कई पंचायतों में सामुदायिक किचन शुक्रवार को शुरू नहीं हो सका. सामुदायिक किचन शुरू नहीं होने से बाढ़पीड़ितों में आक्रोश व्याप्त है. मालूम हो कि बीते दिनों बीडीओ ने 20 पंचायतों में सामुदायिक किचन शुरू करने के लिए किचन प्रभारी एवं अन्य कर्मी के नाम और मोबाइल नंबर जारी किये थे. लिस्ट जारी होने के बाद लोगों को आशा जगी थी कि शुक्रवार से सामुदायिक किचन शुरू हो जायेगा. कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़क व प्रखंड मुख्यालय से टूटा : राघोपुर में बाढ़ की विकट स्थिति के बाद भी प्रशासनिक तैयारी धरातल पर दिखाई नहीं दे रही है. प्रखंड के लगभग सभी गांव में पानी प्रवेश कर चुका है, वहां के लोग अपने मवेशियों को लेकर काफी चिंतित है, लेकिन प्रशासन के द्वारा मवेशियों को ऊंचे स्थान पर ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं करायी जा रही है. पानी से चारों तरफ घिरने के कारण कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़क एवं प्रखंड मुख्यालय से टूट चुका है. बाढ़ से घिरे लोगों को अपने पशुओं को पानी से बाहर निकालना काफी मुश्किल हो रहा है. हालांकि लगभग आधा दर्जन पंचायतों में सामुदायिक किचन की शुरुआत प्रशासनिक स्तर पर की गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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