Bihar Weather Forecast : बिहार में माॅनसून एक बार फिर से सक्रिय होने जा रहा है. आगामी 48 घंटे के दरम्यान पटना सहित दक्षिण- मध्य ,दक्षिण -पश्चिम बिहार में कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश और उत्तर-पूर्व और दक्षिण पूर्व में अधिकतर हिस्सों अति भारी बारिश होने के आसार हैं. आइएमडी ने इसका औपचारिक पूर्वानुमान जारी कर दिया है. इसके साथ ही राज्य के कई हिस्सों में ठनका गिरने की भी आशंका है. खराब मौसम के दौरान लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
आगामी 48 घंटे बिहार में झमाझम बारिश की उम्मीद
आइएमडी की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र और उत्तर-पश्चिम राजस्थान में चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है. इसकी वजह से बिहार में लगभग समूचे बिहार में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना बनी है. विशेष रूप से 22 तारीख को पूरे बिहार अति भारी बारिश के मजबूत आसार बन रहे हैं.
आज इन जिलों में भार बारिश का अंदेशा
21 सितंबर को बिहार के उत्तर-पूर्व बिहार के सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर ,बांका, जमुई ,मुंगेर और खगड़िया में अनेक स्थानों पर भारी बारिश का अंदेशा है. विशेषकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व बिहार में बारिश के साथ ठनका गिरने की भी आशंका है. आइएमडी ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. पटना व आसपास के इलाकों में भी अच्छी बारिश की संभावना है.
पटना में बारिश के बाद मौसम हुआ सुहाना
पटना में बुधवार को दस मिलीमीटर बारिश होने से मौसम कुछ सुहाना हुआ है और लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है. शहर के अशोक राजपथ में दोपहर के वक्त तेज बारिश देखने को मिली. तो वहीं शाम और रात में राजधानी के अधिकांश हिस्सों में झमाझम बारिश हुई. दिन भर रुक-रुक कर हुई इस बारिश की वजह से राजधानी के तापमान में गिरावट दर्ज की गई. मौसम वैज्ञानिकों ने राज्य में अगले तीन दिन तक मानसून के सक्रिय रहने के आसार जताए हैं. इस दौरान राज्य में अच्छी बारिश की संभावना है.
राज्य में सामान्य से 30 फीसदी कम बारिश
फिलहाल बिहार में इस माॅनसूनी सीजन में सामान्य से 31 फीसदी कम 640.9 मिलीमीटर बारिश हुई है. सामान्य तौर पर इस अवधि तक 925 मिलीमीटर से अधिक बारिश होनी चाहिए. मौसम विभाग के अनुसार में राज्य में सामान्य से 30 फीसदी कम बारिश हुई है. जो कि चिंता का विषय है.
बारिश के इंतजार में किसान
खेती के लिहाज से बारिश बेहद जरूरी है. बताया जा रहा है कि यह समय धान में बाली पड़ने का है. इस समय में जड़ में पर्याप्त मात्रा में पानी आवश्यक है. जबकि खेत सूखे पड़े है. ऐसे में खेती गृहस्थी के पटरी पर लाने की जीतोड़ कोशिश जारी है. कई किसानों को इस लागत के भी बर्बाद होने का डर है. जगह-जगह खेतों में मोटर और पंपसेट से नमी को संजोना पड़ रहा है. बार-बार आकाश में बादल उमड़ रहे है जो ऐन मौके पर बिना बारिश के उड़ जाते है.