19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Hindi Diwas 2023: क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस? जानें भारत में हिंदी भाषा को कितने लोग मानते हैं मातृ भाषा

Hindi Diwas 2023: 14 सितंबर 1953 को, भारत ने पहला हिंदी दिवस मनाया. लगभग 425 मिलियन लोग हिंदी को अपनी पहली भाषा के रूप में बोलते हैं और लगभग 120 मिलियन लोग हिंदी को अपनी दूसरी भाषा के रूप में बोलते हैं.

Hindi Diwas 2023: 14 सितंबर को भारतीय राष्ट्रीय ‘हिंदी दिवस’ मनाते हैं. 1949 में आज ही के दिन हिंदी भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाया गया था. देवनागरी लिपि में लिखे गए, भारत के संविधान ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया और 14 सितंबर 1953 को, भारत ने पहला हिंदी दिवस मनाया. लगभग 425 मिलियन लोग हिंदी को अपनी पहली भाषा के रूप में बोलते हैं और लगभग 120 मिलियन लोग हिंदी को अपनी दूसरी भाषा के रूप में बोलते हैं.

भारत में कहां-कहां बोली जाती है हिंदी भाषा

हिंदी भाषा प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्यों में बोली जाती है. देशों की दृष्टि से हिंदी मॉरीशस, नेपाल, फ़ूजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो में भी बोली जाती है.

क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस?

हिंदी दिवस मनाने के पीछे एक अहम कारण देश में अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन को कम करना है. महात्मा गांधी ने हिंदी को जन-जन की भाषा कहा था. हिंदी दिवस के अवसर पर पूरे भारत में कई साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इसके अलावा, राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार जैसे पुरस्कार हिंदी दिवस पर मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनके योगदान और हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए दिए जाते हैं.

यह दिन भारतीय लेखक सिम्हा का जन्मदिन भी है जिन्होंने हिंदी को आधिकारिक भाषाओं में से एक बनाने के लिए अथक प्रयास किया-

भारत में बोली जानें वाली अन्य भाषाएं

भारतीय संविधान भारत की 22 प्रमुख भाषाओं को मान्यता देता है जिन्हें संविधान की “8वीं अनुसूची” के रूप में जाना जाता है. इनमें संस्कृत, असमिया, बांग्ला, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कश्मीरी, कन्नड़, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी शामिल हैं. मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, संताली, सिंधी और उर्दू मूल रूप से 8 में केवल 14 भाषाएं शामिल थीं. भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची. बोडो, डोगरी, कोंकणी, मैथिली, मणिपुरी, नेपाली, संताली और सिंधी को बाद में मान्यता मिली.

Also Read: सीएसबीसी बिहार पुलिस कांस्टेबल एडमिट कार्ड 2023 जारी, कैसे करें डाउनलोड, ये है Direct Link
Also Read: यूके के पीएम ऋषि सुनक, पत्नी अक्षता मूर्ति की शैक्षणिक योग्यताएं के बारे में जानें…
Also Read: जूनियर्स की रैगिंग मामले में तेलंगाना में 10 MBBS छात्र 1 साल के लिए निलंबित
Also Read: CBSE Board Exams 2024: निजी छात्रों के लिए आज से रजिस्ट्रेशन शुरू, जानें आवेदन करने की क्या है प्रक्रिया

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें