आइआइटी पटना के छात्रों के स्टार्टअप ‘बेसिक’ को यूथ को:लैब 2022-23 के लिए नामांकित किया गया है. तीसरे वर्ष के बीटेक के चार छात्र रोहन चौधरी, पार्थ चौधरी, अथर्व पचुंडकर और यश गौतम ने बेसिक स्टार्टअप को स्थापित किया है. यूथ को:लैब यूएनडीपी द्वारा एशिया में यूएनडीपी और पैसिफिक एंड सिटी फाउंडेशन द्वारा सह-निर्मित कार्यक्रम है, जो युवाओं के नेतृत्व वाली सामाजिक नवाचार और उद्यमिता पहलों का समर्थन करता है. आइआइटी संस्थान छात्रों की इस शानदार उपलब्धि पर काफी गौरवान्वित है. निदेशक ने टीम को शुभकामनाएं दी हैं.
आइआइटी पटना के पूर्व छात्र डॉ निवेश ओझा को इंस्पायर फैकल्टी 2022 का खिताब मिला है. कई प्रतिभागियों के बीच कुल 22 लोगों को इंजीनियरिंग विज्ञान के लिए चुना गया, जिसमें डॉ ओझा का नाम शामिल है. इंस्पायर फैकल्टी, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की पहल है जिसका उद्देश्य स्वतंत्र वैज्ञानिक प्रोफाइल के विकास को बढ़ावा देना और व्यक्तियों के दीर्घकालिक कैरियर का समर्थन करना है.
डॉ ओझा ने डॉ सुशांत कुमार की देखरेख में आइआइटी पटना की गैस-सॉलिड इंटरेक्शन लैब में अपना डॉक्टरेट शोध किया. डॉ ओझा का शोध प्रकाश संश्लेषण से प्रेरित विकासशील तकनीक पर केंद्रित था, जो दृश्य प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड को उपयोगी रसायनों में बदल सकता है. तकनीक सीओटू उपयोग के लिए एक नवीकरणीय दृष्टिकोण प्रदान करती है, जो आवश्यक है क्योंकि मानव गतिविधियों जैसे कि ऊर्जा उत्पादन और परिवहन के लिए जीवाश्म ईंधन को जलाने से वायुमंडलीय सीओटू एकाग्रता में वृद्धि हुई है. उनका शोध एप्लाइड कैटेलिसिस बी, एनवायरनमेंटल, जर्नल ऑफ कोलोइड्स एंड इंटरफेस साइंस और एप्लाइड सरफेस साइंस जैसी शीर्ष पत्रिकाओं में प्रकाशित हुआ है.
डॉ ओझा ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एसएलएसी और सोलर फ्यूल टेक्नोलॉजीज सहित प्रमुख सम्मेलनों में अपने शोध को भी प्रस्तुत किया है. सीओटू उपयोग और अमोनिया उत्पादन के लिए नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों के विकास में उनका योगदान एक स्थायी भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.