एक ओर जहां तेलहन ने उपभोक्ताओं को राहत दी है तो दलहन में अरहर व उड़द में तेजी दिखने लगी है. हालांकि नयी फसल आने के बाद चना, मसूर व मूंग के भाव में गिरावट से आंशिक राहत मिली है. थोक दलहन कारोबारी रोहित कुमार ने बताया कि अफ्रीकन देशों से अरहर व उड़द का आयात होता था, जो कि बंद होने के कगार पर है. ऐसे में इसका असर भारतीय बाजार पर दिखने लगा है. इस बार नयी फसल भी कमजोर रही है. इससे अरहर व उड़द की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. हालांकि इसका कुछ न कुछ हल होगा और अधिक दिनों तक उपभोक्ताओं को महंगाई की मार नहीं झेलनी होगी. चना और मसूर की नयी फसल अच्छी होने के कारण कीमत गिरने लगी है. इससे उपभोक्ताओं को काफी राहत है.
यह माना जा रहा है कि म्यांमार से अरहर और उरद इंपोर्ट करने वाले इंपोर्टर भारत में दाल नहीं मंगा रहे हैं. दाल आयात करने वाली कंपनियों ने म्यांमार में 1.50 लाख टन अरहर और 2 लाख टन के करीब उरद होर्डिंग कर रखा हुआ है. म्यांमार में भारतीय हाइ कमीशन को स्थानीय अथॉरिटी के साथ मिलकर इसकी पड़ताल करने को कहा गया है जिससे जमाखोरी पर रोक लगायी जा सके.
शहर के विभिन्न मोहल्ले के उपभोक्ताओं की मानें तो जिस तरह से तेलहन की कीमत गिरने की बात हो रही है, उसका अधिक फायदा खुदरा ग्राहक को नहीं मिल पा रहा है. अब भी बिचौलिया अधिक लाभ कमा रहे हैं. अचानक कीमत गिरने के बाद भी खुदरा दुकानदार अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की चाहत में धीरे-धीरे कीमत घटा रहे हैं. उनका कहना है कि अभी पुराना माल ही बेच रहे हैं. मार्केटिंग ऑफिसर भी इन पर शिकंजा नहीं कस रहे हैं.
पहले की कीमत वर्तमान कीमत
अरहर दाल 110 रुपये किलो 130 रुपये किलो
उड़द दाल 100 रुपये किलो 110 रुपये किलो
चना दाल 70-75 रुपये किलो 65-70 रुपये किलो
मूंग दाल 110 रुपये किलो 100 रुपये किलो
मसूर दाल 90 रुपये किलो 80 रुपये किलो