पटना. सब्जी व फल बाजारों में सड़क किनारे सड़े हुए सेब, खराब टमाटर, होटलों के बचे भोज्य पदार्थ अब नहीं दिखेंगे. बचे हुए इन कचरों से अब खाद बनेगी.
मुसहल्लपुर हाट, बाजार समिति मीठापुर में 2000 किलो, राजेंद्र नगर, दीघा, चितकोहरा, अंटा घाट, पुनाईचक, कदमकुआं, अगमकुआं, गुलजारबाग में एक-एक हजार किलो कचरे से खाद बनानेवाली मशीन लगेगी.
निगम की ओर से शहर में 24 जगहों पर कंपोस्टर लगाये जा रहे हैं. कंपोस्टर को स्टॉल करने के लिए चयनित जगहों पर प्लेटफॉम तैयार किया जा रहा है.
अगले सप्ताह कंपोस्टर लगा कर गीले कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी. 14 दिन की प्रोसेसिंग के बाद खाद बनेगी. गीला कचरा डालने के 24 घंटे बाद खाद बननी शुरू होगी.
निगम से चयनित जगहों पर 100 किलो से 2000 किलो तक की क्षमता की मशीन लगायी जा रही है. निगम से कंपोस्टर लगाने के लिए 24 जगह चिह्नित किये गये हैं.
पटना सिटी चौक, गौरीदास की मंडी, राजेंद्र नगर, कंकड़बाग टेंपू स्टैंड, कुम्हरार, करबिगहिया, रामकृष्ण नगर, दीघा, राजापुर पुल, शिवपुरी, शास्त्री नगर, मीठापुर, चितकोहरा, पुनाईचक, अंटा घाट, राजा बाजार, चिड़ियाघर, मुसल्लहपुर हाट, कदमकुआं, बाजार समिति, अगमकुआं, गुलजारबाग, डंका इमली व खाजेकलां में कंपोस्टर को लगाया जाना है.
जानकारों के अनुसार कंपोस्टर मशीन के चालू होने के बाद गीले कचरे की प्रोसेसिंग के 14 दिनों के बाद खाद बनेगी. इसके बाद 24 घंटे की प्रोसेसिंग के बाद ही खाद तैयार हो जायेगी. कंपोस्टर में खराब फल, सब्जी, छिलका, बचा हुआ खाना आदि डाल सकते हैं.
डाभ, नारियल का छिलका, लकड़ी का सामान आदि नहीं डालना है. निगम सूत्रों के अनुसार जिस वार्ड में कंपोस्टर लगेगा. वहां के सफाई निरीक्षक को उसके रख-रखाव व देखभाल की जिम्मेदारी रहेगी.
जानकारी के अनुसार 100 किलो कचरे की क्षमता के कंपोस्टर की कीमत 4.56 लाख, 250 किलो की कीमत 7.30 लाख, 1000 किलो की कीमत लगभग 28 लाख रुपये है.
Posted by Ashish Jha