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क्लोन चेक मामला: पुलिस ने एक बैंककर्मी सहित तीन को उठाया, जिला भू-अर्जन और एनएचएआइ के कई कर्मचारी हुए गायब, जानिये किसपर होगा FIR

फर्जी (क्लोन) चेक के आधार पर एनएचएआइ के बैंक अकाउंट से 11.73 करोड़ रुपये की निकासी की कोशिश के मामले में पुलिस ने पटना समेत विभिन्न जिलों से शनिवार की देर रात तीन और लोगों को उठाया है.

पटना. फर्जी (क्लोन) चेक के आधार पर एनएचएआइ के बैंक अकाउंट से 11.73 करोड़ रुपये की निकासी की कोशिश के मामले में पुलिस ने पटना समेत विभिन्न जिलों से शनिवार की देर रात तीन और लोगों को उठाया है.

इनमें एक बैंककर्मी व दो अन्य हैं. इनमें एक को पटना के सगुना मोड से हिरासत में लिया गया. पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है. सूत्रों की मानें तो इस फर्जीवाड़े का नेटवर्क आरा से मिल रहा है.

पटना से गयी पुलिस टीम ने आरा के सौरभ, सागर, अमृत व सिद्धार्थ के घरों को खंगाला. इस मामले में इन सभी की अहम भूमिका है. पुलिस की पूछताछ में शुभम ने ही इन चारों के नामों को उगला है.

मालूम हो कि शुक्रवार की देर रात पुलिस आरा से दो लोग विशाल व नृपेंद्र को हिरासत में लिया था. सूत्रों की मानें तो भू-अर्जन विभाग के कई कर्मचारी गायब हैं. यही नहीं, एनएचएआइ के भी कई कर्मी पुलिसिया जांच के डर या फिर हिरासत में लिए जाने के डर से गायब हो गये हैं.

कोटक महिंद्रा बैंक के बाद अब आइसीआइसीआइ बैंक से भी जुड़ा कनेक्शन अब तक पुलिस ने 10 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.

अब तक जितनी भी पूछताछ बैंककर्मियों से हुई, वे सभी कोटक महिंद्रा बैंक के कर्मचारी थे. लेकिन, अब इस मामले का कनेक्शन आइसीआइसीआइ बैंक से जुड़ गया है. पुलिस दोनों बैंकों की बोरिंग रोड ब्रांच को खंगाल चुकी है.

पुलिस को मिले सारे मोबाइल नंबरों के कागजात फर्जी

पुलिस की अब तक की जांच में कई मोबाइन नंबर मिले हैं. अब इन नंबरों की सीडीआर भी निकाली जा रही है. पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि इन नंबरों से किन-किन लोगों को फोन किया गया है.

लेकिन, सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस को मिले सारे नंबरों के ऑरिजनल कागजात नहीं मिले हैं.

ये सारे दूसरों के नाम और कागजात पर लिये गये हैं, जिनका इस्तेमाल इस फर्जीवाड़े के खेल में किया गया है. इन्हीं नंबरों के आधार पर पुलिस ने अब तक के सारे लोगों को उठाया है.

थानाध्यक्ष और आइओ की टीमें कर रहीं जांच

जांच व संदिग्धों से पूछताछ के लिए दो टीमें अलग-अलग तरीके से काम कर रही हैं. इनमें एक टीम गांधी मैदान थानाध्यक्ष की, तो दूसरी टीम इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर की है. इस केस में पुलिस की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. पुलिस अपने स्तर पर जांच कर रही है.

बैंक अपने स्तर पर जांच कर रहा है. सूत्रों की मानें तो मुंबई से कोटक महिंद्रा के वरीय पदाधिकारी पटना पहुंच गये हैं. उन्हीं की जांच में फर्जी तरीके से तीन बार के सक्सेसफुल ट्रांजेक्शन की बात सामने आयी है. इसी क्रम में 28 करोड़ रुपये निकाले जा चुके हैं.

ब्रांच मैनेजर और एरिया मैनेजर पर हो सकती है एफआइआर

11.73 करोड़ के चेक क्लोन मामले में अब नया मोड़ आने वाला है. सूत्रों की मानें तो कोटक महिंद्रा की बोरिंग रोड ब्रांच के मैनेजर सुमित कुमार की ओर से उनके परिजन कोटक महिंद्रा की एग्जीबिशन रोड ब्रांच के मैनेजर अभिषेक राजा व एरिया मैनेजर राजकिशोर पर प्राथमिकी दर्ज करवा सकते हैं.

मालूम हो कि पूछताछ के दौरान ब्रेन स्ट्रोक होने से सुमित कुमार की तबीयत बिगड़ गयी थी, जिसके बाद पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था. सूत्रों की मानें तो सुमित के पास इस मामले में काफी सारी जानकारी है,पर जब तक उसकी तबीयत ठीक नहीं हो जाती, तब तक उसके पूछताछ नहीं हो सकती है.

इस प्रकरण में अब एक नये नाम समीर की इंट्री हो गयी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक समीर पुलिस के हाथ से दूर है. लेकिन, पुलिस ने उसके पिता को हिरासत में लिया है. पुलिस उनसे समीर के बारे में पूछताछ कर रही है. सूत्रों की मानें तो समीर पटना के सगुना मोड़ का रहने वाला है.

Posted by Ashish Jha

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