भागलपुर. अभी हाल ही में बिहार के कई जिलों में एनआईए (NIA) ने एक साथ रेड की थी. इसके बाद मंगलवार को एक साथ बिहार और झारखंड की 14 जगहों पर लगातार छापेमारी की चर्चा काफी बढ़ गयी है. पीएफआइ को लेकर बिहार सहित कई राज्यों में दर्जनों जगहों पर चल रही छापेमारी को लेकर भागलपुर में भी खुफिया जांच एजेंसियां अलर्ट पर है. एनआइए और सीबीआई की रेड से पूर्व भागलपुर में भी पीएफआइ के एक्टिव और स्लीपर सेल को लेकर जांच की गयी थी. विशेष जांच एजेंसियों द्वारा मामले में भागलपुर सहित नवगछिया में की गयी जांच में पीएफआइ के किसी भी एक्टिव सेल के होने की जानकारी नहीं मिली है.
इस मामले में कुछ संदिग्धों पर लगातार नजर रखी जा रही है. बताया जा रहा है कि संदिग्ध पीएफआइ या अन्य वांछित संगठनों के स्लीपर सेल हो सकते हैं. मामले में पीएफआइ के एक्टिव सेल के साथ साथ जिन लोगों द्वारा ऐसे संगठनों को फंडिंग किया जा रहा है, जांच एजेंसियों को उनकी तलाश है. फंडिंग करने वाले भी जांच एजेंसियों के घेरे में है.
बता दें कि पीएफआइ से जुड़े लोग या पीएफआइ को फंडिंग करने वालों के विरुद्ध पुख्ता सबूत मिलते ही इसकी रिपोर्ट उच्च स्तर तक भेजी जाती है. इसके आधार पर आगे की कार्रवाई होती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर में की गयी जांच की रिपोर्ट भी वरीय स्तर पर भेजी जा चुकी है. इसके अलावा वर्तमान में राष्ट्रीय जांच एजेंसियों की एक टीम लगातार उक्त मामले की जांच को लेकर भागलपुर आ जा रही है.
बता दें की NIA की टीम ने पिछले महीने बिहार, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश समेत 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े लोगों की पहचान करने और उनके घरों को खंगालने के लिए की जा रही थी. बिहार के दरभंगा और मोतिहारी में NIA की टीम PFI से जुड़े सदस्यों के खिलाफ छापेमारी करने गयी थी. इस टीम के साथ स्थानीय पुलिस भी गयी थी.