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Bihar Bridge Collapse: बिहार के इस जिले में टूटा पुल, आवागमन हुआ बाधित

Bihar Bridge Collapse: बिहार के जमुई प्रखंड मुख्यालय सोनो को पश्चिमी क्षेत्र से जोड़ने वाले बेहद अहम बरनार काजवे पर बना बेली पुल तेज बारिश और नदी में पानी के तेज बहाव के कारण सोमवार की सुबह क्षतिग्रस्त हो गया. बेली पुल के नीचे मध्य भाग के एक पिलर के धंसने से पुल न सिर्फ एक ओर झुक गया है, बल्कि बीच में थोड़ा धंस भी गया है.

Bihar Bridge Collapse: बिहार के जमुई प्रखंड मुख्यालय सोनो को पश्चिमी क्षेत्र से जोड़ने वाले बेहद अहम बरनार काजवे पर बना बेली पुल तेज बारिश और नदी में पानी के तेज बहाव के कारण सोमवार की सुबह क्षतिग्रस्त हो गया. बेली पुल के नीचे मध्य भाग के एक पिलर के धंसने से पुल न सिर्फ एक ओर झुक गया है, बल्कि बीच में थोड़ा धंस भी गया है. सोनो-चुरहेत के बीच बरनार नदी पर बने काॅजवे के बीते वर्ष इसी माह में क्षतिग्रस्त होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर फौरन क्षतिग्रस्त काजवे पर लोहे का बेली पुल बनाया गया था.

डीएम ने निरीक्षण करवाने का निर्देश दिया

पुल क्षतिग्रस्त की सूचना मिलते ही जिला पदाधिकारी अभिलाषा शर्मा, एसडीएम अभय तिवारी, एडीएम सहित जिला व प्रखंड के तमाम पदाधिकारी मौके पर पहुंचकर क्षतिग्रस्त पुल की स्थिति का जायजा लिया और तत्काल कुछ समय के लिए पुल पर आवागमन को रोकने का निर्णय लिया. डीएम ने इंजीनियर व अन्य टेक्निक टीम को बुलाकर निरीक्षण करवाने का निर्देश दिया. जब तक इंजीनियर व उनकी टेक्निक टीम द्वारा निरीक्षण कर आने जाने की स्वीकृति नहीं दे देते हैं तब तक पुल पर यातायात बंद रहेंगे. यहां तक कि पैदल यात्री को भी आने-जाने पर रोक लगा दी गयी है.

दोनों छोर पर बांस से बेरिकेडिंग कर दी गयी

प्रशासन द्वारा बेली पुल के दोनों छोर पर बांस से बेरिकेडिंग कर दी गयी है, ताकि लोग पुल से होकर कोई न जायें. साथ ही दंडाधिकारी की भी नियुक्ति के निर्देश दिये गये हैं. मौके पर डीएम ने बेली पुल निर्माण करने वाले संवेदक से भी मौके पर बात की और नदी के पानी की रफ्तार कम होने पर क्षतिग्रस्त पिलर की मरम्मत के लिए निर्देश दिया है. 

लोगों की बढ़ी परेशानी

इधर, पुल पर आवागमन रोके जाने से लोगों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. पुल के दोनो ओर यात्रियों की भीड़ जमा हो गयी. प्रखंड मुख्यालय से सुलभ संपर्क कटने से नदी के दूसरी ओर की बड़ी जनसंख्या प्रभावित होगी. हालांकि प्रशासन की ओर से कहा गया कि इंजीनियरों द्वारा क्षतिग्रस्त पिलर का निरीक्षण करने के बाद यदि सब ठीक रहा तो पैदल और हल्के वाहन की आवाजाही शुरू करवा दी जाएगी.

अंचलाधिकारी ने स्थिति का जायजा लिया

दरअसल बीते दो तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश के बाद बरनार नदी में बाढ़ की स्थिति आ गयी. पानी के तेज रफ्तार से बेली पुल के बीच का पिलर धंस गया और बेली पुल दक्षिण दिशा की ओर झुकते हुए थोड़ा धंस गया. सूचना मिलते ही अंचलाधिकारी सुमित कुमार आशीष पुल की स्थिति का जायजा लिया और एसडीएम अभय तिवारी को स्थिति से अवगत कराया. एसडीएम फौरन सोनो के उक्त पुल पर पहुंचे और सबसे पहले एहतियात के तौर पर पुल से होकर आवागमन को रोकने का निर्देश दिया.

पदाधिकारी पुल के समीप पहुंच गए

वे सीओ के साथ घंटो मौके पर डटे रहे. इस बीच बीडीओ मो मोइनुद्दीन, प्रभारी थानाध्यक्ष सह झाझा अंचल पुलिस निरीक्षक संतोष कुमार व अन्य कई पुलिस पदाधिकारी पुल के समीप पहुंच गए थे. इधर दिन भर अपने कार्य को लेकर आवाजाही करने वाले लोगों ने कम से कम पैदल आवाजाही की मांग करने में लगे हुए थे.

चाचा-चाची-दादी पुल से होकर न जाएं, हो सकता है खतरा

बीते वर्ष इसी सितंबर माह में बरनार नदी पर बने प्रखंड वासियों के लाइफ लाइन कहे जाने वाले काजवे पुल के पिलर क्षतिग्रस्त हो गया था. पिलर के आसपास हुए बालू उत्खनन से पिलर का बेस कमजोर हुआ और पिलर धंस गया था जिस कारण काजवे भी धंस गया जिससे प्रखंड के पश्चिम क्षेत्र के लोगों का आवागमन प्रभावित हो गया था. विकट स्थिति की सूचना पाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बरनार नदी खुद आए और क्षतिग्रस्त पुल का अवलोकन करने के उपरांत क्षतिग्रस्त काजवे के ऊपर शीघ्र बेली पुल निर्माण का आदेश दिया था. उन्होंने जल्द ही इसके समानांतर एक नए पुल निर्माण की भी घोषणा किए थे.

निर्माण की गुणवत्ता पर प्रश्न खड़े हुए

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद दो ढाई माह में बेली पुल का निर्माण करवा दिया गया था जिससे लोगों में खुशी छा गई थी परंतु लगभग साढ़े सात करोड़ की लागत से बना यह बेली पुल अपने निर्माण का प्रथम वर्षगांठ भी नहीं मना सका और एक वर्ष के भीतर ही क्षतिग्रस्त हो गया. लोगों ने निर्माण की गुणवत्ता पर प्रश्न खड़े करते हुए इसके आधार के निर्माण में कोताही और अनियमितता बरतने का आरोप लगा रहे है.

क्षतिग्रस्त पुल पर आवागमन रुकने से लगभग डेढ़ लाख की आबादी होगी प्रभावित

लगातार बारिश, नदी में उफान और पुल के क्षतिग्रस्त पिलर से पुल के धंसने की स्थिति सभी को देखते हुए प्रशासन ने पुल पर तत्काल प्रभाव से आवागमन पर रोक लगा दिया है. बेरिकेडिंग कर पुलिस और मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगा दी गयी, ताकि किसी तरह का कोई जान माल की क्षति और कोई हादसा न हो. परंतु आवागमन के रुकने से प्रखंड की आधी आबादी की जीवन क्रिया जैसे थम सी जाएगी.

15 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी

यह पुल सोनो और खैरा प्रखंड के लगभग डेढ़ दर्जन पंचायत के लोगों के लिए बेहद अहम है. केशोफरका, थमहन, सारेबाद, छुछुनरिया, रजौन, महेश्वरी, लालीलेवार सहित खैरा प्रखंड के आधा दर्जन पंचायतों की डेढ़ लाख आबादी का सीधा संपर्क प्रखंड मुख्यालय सोनो से कट गया है. अब उन्हें प्रखंड मुख्यालय तक आने-जाने के लिए एक बार फिर से 15 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी.

बच्चों के स्कूल जाने से लेकर मरीज को अस्पताल ले जाने तक

वहीं दूसरी और पुल के क्षतिग्रस्त होने से यहां के बाजार पर भी इसका असर पड़ेगा. इस पर आवागमन रुकने से किसी न किसी रूप में डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित होगी. समीप के गांव जो नदी के दूसरे किनारे पर स्थित है और उनके आवाजाही का यही रास्ता है वहां के लोगों की ज्यादा हो गशयी. बच्चों के स्कूल जाने से लेकर मरीज को अस्पताल ले जाने तक के तमाम अहम कार्य अवरुद्ध होंगे.

साढ़े सात करोड़ की लागत से बना था बेली पुल, आधार ही रह गया था कमजोर

बीते वर्ष नवंबर में बरनार नदी के क्षतिग्रस्त काजवे पर बना लोहे के बेली पुल के निर्माण में लगभग साढ़े सात करोड़ की लागत आयी थी. इसका निर्माण दो निर्माण कंपनियों द्वारा किया गया था. आधार स्ट्रक्चर का कार्य श्री राम महावीर नामक कंपनी और लोहे पुल का कार्य दूसरी कंपनी द्वारा किया गया था.

निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति तक नहीं मिली

हद तो इस बात का है कि एक कंपनी के संवेदक की मानें तो उन्होंने निर्माण कार्य मौखिक आदेश पर कर तो दिया लेकिन एक वर्ष होने को है अभी तक भुगतान की बात तो छोड़ दें निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति तक नहीं मिली. बेली पुल निर्माण के दौरान आधार बनाने में की गई जल्दबाजी और अनियमितता के कारण आज यह स्थिति आई. पुराने काजवे के आधार वाले पिलर की मरम्मती करके और उसी पर स्ट्रक्चर बनाकर बेली पुल बना दिया गया जिसका आधार एक बरसात में उफनते पानी के तेज प्रवाह को नहीं झेल पाया.

सोमवार को सैकड़ों लोग पुल पर जमा हो गये

पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर सोमवार को सैकड़ों लोग पुल पर जमा हो गये. उन्हें समझाना प्रशासन को भारी पड़ रहा था. कई राहगीर जरूरी बताकर जाना चाह रहे थे. एसडीएम अभय कुमार तिवारी व सीओ सुमित कुमार आशीष लोगों को पुल से हटाने की अपील कर रहे थे. पुल से गुजर रही महिलाओं को रोकते हुए सीओ बड़े प्यार से समझा रहे थे दादी- चाची पुल से होकर जाना अभी खतरनाक है. लिहाजा अभी घूम कर चले जाएं.

बारिश के बीच डीएम पहुंची, छाता लगाकर क्षतिग्रस्त पुल का की मुआयना

सोमवार को लगातार हो रही बारिश के बाद भी डीएम अभिलाषा शर्मा पुल का निरीक्षण करने सोनो पहुंची. उन्होंने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर वह यहां पहुंची है. छाता लगाकर बारिश के बीच वे क्षतिग्रस्त पुल का मुआयना की और आवश्यक निर्देश दिए.

आवागमन को रोकने का निर्देश

फिलहाल पुल से आवागमन को रोकने का निर्देश देते हुए पुल निर्माण विभाग की टेक्निकल टीम को बुलाने को कहीं. टीम पुल का निरीक्षण का जानकारी मुहैया कराएगी। इसके बाद पुल पर आवागमन का निर्णय लिया जाएगा।वहीं पुल के समानांतर नए पुल का भी प्रस्ताव है. प्राक्कलन तैयार है. सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है. सरकार से स्वीकृति मिलते ही नया पुल का निर्माण होगा.

क्षतिग्रस्त काजवे निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने पुल निर्माण का दिया था निर्देश

पिछले वर्ष काजवे क्षतिग्रस्त होने के सूचना के बाद 27 सितंबर 2023 को पुल का निरीक्षण करने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी व विभागीय अभियंताओं व अधिकारियों के टीम के साथ सोनो पहुंचे थे. निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों को यह भी आश्वासन दिया था कि काजवे के समानांतर में जल्द ही उच्च स्तरीय आरसीसी पुल निर्माण किया जायेगा.

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