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जान दे देंगे, लेकिन नहीं देंगे एक इंच भी जमीन, जमुई में भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसानों की बैठक

भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसानों ने बनाई मंजोष बचाओ संघर्ष समिति, सड़क से कोर्ट तक लड़ाई का लिया फैसला. इससे पहले जमीन अधिग्रहण के विरोध के बाद अधिकारियों की टीम ने ग्रामीणों के साथ बैठक की.

जमुई के सिकंदरा प्रखंड क्षेत्र के मंजोष गांव में लौह अयस्क मिलने के बाद खान एवं भूतत्व विभाग की ओर से भूमि अधिग्रहण का मामला तूल पकड़ने लगा है. खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा जमीन अधिग्रहण किये जाने की सूचना मिलते ही किसानों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है. इस दौरान आक्रोशित किसानों ने मंजोष में अंचल कार्यालय के द्वारा किये जा रहे सीमांकन कार्य को रोक दिया.

वहीं भूमि अधिग्रहण के विरोध में रविवार देर शाम उत्क्रमित उच्च विद्यालय के मैदान में पैक्स अध्यक्ष चंद्रदेव सिंह की अध्यक्षता में बैठक की. बैठक में करीब 500 की संख्या में किसान उपस्थित थे. इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि न तो हम विस्थापित होंगे और न ही अपनी कीमती उपजाऊ जमीन सरकार को देंगे.

जीएसआइ के सर्वे में मैग्नेटाइट का भंडार होने की हुई थी पुष्टि

विदित हो कि जीएसआइ के सर्वे में मंजोष समेत आसपास के कई गांवों के जमीन के नीचे लौह अयस्क मैग्नेटाइट का भंडार होने की पुष्टि हुई है. जीएसआइ की पुष्टि के बाद खान एवं भूतत्व विभाग खनन कर लौह अयस्क को निकालने की प्रक्रिया में जुट गया है.

26 अप्रैल को खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने मंजोष गांव स्थित लौह अयस्क क्षेत्र का निरीक्षण करने के उपरांत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि लौह अयस्क खनन को लेकर चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होते ही जून माह में टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. इस दौरान उन्होंने खनन कार्य के लिए 85 हेक्टेयर जमीन का सीमांकन कर उसके वर्गीकरण का निर्देश पदाधिकारियों को दिया था. इसके बाद अंचल कार्यालय द्वारा जमीन के सीमांकन की प्रक्रिया शुरू की गयी. इसके बाद से ही किसानों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है.

किसानों ने रुकवाया सीमांकन का कार्य

फिलहाल किसानों ने सीमांकन का कार्य रुकवा कर अपना विरोध दर्ज कराया है. किसानों में इस बात को लेकर भी काफी आक्रोश है कि सीओ ने ग्रामीणों से संपर्क स्थापित किये बिना ही सीमांकन का कार्य प्रारंभ करवा दिया. ग्रामीण किसी भी कीमत पर अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं.

सरकार की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के विरोध में रविवार को आयोजित बैठक में किसान काफी आक्रोशित दिखे. इस दौरान सरकार के रवैये के विरोध में मंजोष बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया. बैठक में किसानों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि हम किसी भी कीमत पर अपनी एक इंच जमीन का भी अधिग्रहण होने नहीं देंगे. किसान अपने घर-मकान व उपजाऊ जमीन के साथ ही आहर को लेकर भी चिंतित दिखे.

सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ाई लड़ने का निर्णय

बैठक में मौजूद किसानों ने कहा कि मंजोष के काला आहर की गिनती मुंगेर प्रमंडल के सबसे बड़े आहरों में होती है. काला आहर मंजोष के अलावा आसपास के दस गांवों के खेतों की सिंचाई का प्रमुख साधन है. वहीं लौह अयस्क खदान बनते ही आहर का अस्तित्व मिट जायेगा. इससे गांव की उपजाऊ जमीन बंजर बन जायेगी. बैठक में किसानों के द्वारा जमीन अधिग्रहण के विरोध में सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया गया.

मिली जानकारी के अनुसार किसानों के द्वारा जमीन अधिग्रहण करने का विरोध जताने के बाद अधिकारियों की टीम ने ग्रामीणों के साथ बैठक की थी, लेकिन कोई निष्कर्ष निकलने के बाद मंगलवार को जिले में बैठक करने का निर्णय लिया गया था.

बैठक में ये थे मौजूद

बैठक में पैक्स अध्यक्ष चंद्रदेव सिंह, पूर्व मुखिया पंकज सिंह, रामाशीष सिंह, प्रो विद्यार्थी सिंह, अशोक सिंह, योगेंद्र सिंह, टिंकू लाल, राजेंद्र सिंह, श्यामनंदन सिंह, उदय सिंह, प्रतोष सिंह, मुकेश सिंह, देवेंद्र सिंह, शुभाकांत सिंह, श्यामसुंदर सिंह, विजय सिंह, मार्कंडेय कुमार, अनिरुद्ध सिंह, कनेडी सिंह, रंजीत सिंह, पवन कुमार, जय जय राम सिंह, कृष्णनंदन सिंह, संजय सिंह, गोपाल कुमार, मधुकर आनंद, मतिषचंद्र भास्कर, रजनीश कुमार, ज्योति कुमार समेत सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.

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