Jamui news : कुछ पुलिस कर्मियों की वजह से अक्सर खाकी को शर्मसार होना पड़ता है. हालांकि, जब इन पर वरीय अधिकारी स्तर से कार्रवाई होती है, तो लोगों में विश्वास जगता है कि गलत करनेवाले बख्शे नहीं जाएंगे. कुछ इसी तरह का मामला पिछले तीन दिनों में जमुई जिले में भी देखने को मिला है, जब ऐसे ही तीन पुलिस अधिकारियों पर एसपी ने कार्रवाई की है. इससे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है. कार्रवाई के बाद पुलिस अधीक्षक का जीरो टालरेंस का रुख भी पूरी तरीके से साफ हो गया है. गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों में पुलिस अधीक्षक ने तीन बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन पुलिस अवर निरीक्षकों को निलंबित किया है. इनमें से एक थानाध्यक्ष और दो दारोगा हैं. पुलिस अधीक्षक ने इन तीनों के खिलाफ बालू, शराब और भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई की है. गौरतलब है कि 15 अगस्त को पुलिस अधीक्षक ने पहली कार्रवाई की थी. 16 अगस्त को दूसरी और 17 अगस्त को लगातार तीसरे दिन एक पुलिस पदाधिकारी को निलंबित किया गया है.
अवैध बालू के कारोबार में हुई थी पहली कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक डॉ शौर्य सुमन ने 15 अगस्त को अवैध बालू कारोबार के मामले में पहली कार्रवाई करते हुए गिद्धौर थानाध्यक्ष रीता कुमारी को निलंबित कर दिया था. दरअसल, झाझा थानाध्यक्ष संजय कुमार ने अवैध तरीके से बालू ले जा रहे एक ट्रैक्टर को जब्त किया था. मौके से उन्होंने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. उन तीन में से एक व्यक्ति ने खुद को गिद्धौर थानाध्यक्ष का प्राइवेट चालक बताया था. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि गिद्धौर थानाध्यक्ष अपने निजी चालक के जरिये अवैध रूप से बालू का खनन और उसका परिवहन करवा रही थीं. इस बारे में जब पुलिस अधीक्षक ने गिद्धौर थानाध्यक्ष रीता कुमारी से पूछताछ की थी, तो उनके द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया. तब पुलिस अधीक्षक ने रीता कुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था.
रिश्वत मांगने के आरोप में दारोगा निलंबित
दूसरी कार्रवाई 16 अगस्त को सामने आयी, जब पुलिस अधीक्षक ने रिश्वत मांगने के आरोप में सब इंस्पेक्टर विवेक कुमार को निलंबित कर दिया था. पुलिस अधीक्षक ने गरही थाने में पदस्थापित पुलिस अवर निरीक्षक विवेक कुमार पर कार्रवाई करते हुए उन्हें भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. बताया जाता है कि 15 अगस्त को गरही थाना क्षेत्र के खोटवाटांड़ गांव से पुलिस ने नशे की हालत में प्रकाश रविदास नाम के एक युवक को हिरासत में लिया था. इसके बाद पुलिस ने सीताराम रविदास को भी थाने बुलाया तथा उसे भी हाजत में बंद कर दिया. पुलिस अवर निरीक्षक विवेक कुमार ने सीताराम रविदास के पुत्र अभिजीत रविदास से उसके पिता को रिहा करने के एवज में 10 हजार रुपये की मांग की थी. अभिजीत ने एसआइ विवेक कुमार से हुई बातचीत को अपने फोन में रिकॉर्ड कर लिया और इसे पुलिस अधीक्षक को भेज दिया. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने एसआइ विवेक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था.
नशे में मारपीट करने में एसआइ निलंबित
पुलिस अधीक्षक ने लगातार तीसरे दिन कार्रवाई करते हुए रविवार को भी एक पुलिस अवर निरीक्षक को निलंबित कर दिया. दरअसल रविवार को जमुई सदर थाने में पदस्थापित पुलिस अवर निरीक्षक केदार उरांव नशे की हालत में उत्पाद थाने पहुंच गये और शराब के नशे में एक महिला कांस्टेबल के साथ गाली-गलौज करने लगे. इस दौरान जब वहां ड्यूटी पर तैनात अन्य उत्पाद कर्मी तथा उत्पाद पुलिस के सहायक अवर निरीक्षक राकेश कुमार सिंह ने उन्हें ऐसा करने से रोका, तो उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से राकेश कुमार सिंह पर हमला कर दिया. इसमें राकेश कुमार सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गये. इसके बाद उत्पाद पुलिस ने पुलिस अवर निरीक्षक केदार उरांव को हिरासत में ले लिया तथा इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी. एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस अवर निरीक्षक केदार उरांव को निलंबित कर दिया.